किसान क्रेडिट कार्ड की लोन लिमिट बढ़ाकर 5 लाख, 7.5 करोड़ किसानों को मिलेगा लाभ
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2025 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। यह सीतारमण का लगातार आठवां बजट है, जिसमें कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लोन लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की। इसके साथ ही प्राइम मिनिस्टर धन-धान्य योजना का भी विस्तार किया गया है, जिससे करोड़ों किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
कृषि को विकास का पहला इंजन बताया
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस ग्रोथ के चार प्रमुख इंजनों—कृषि, लघु और मध्यम उद्योग (SME), निर्यात और डिजिटल अर्थव्यवस्था—पर है। उन्होंने कहा, “एग्रीकल्चर हमारे लिए विकास का पहला इंजन है और इसे सशक्त बनाने के लिए विशेष घोषणाएं की गई हैं।”
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट में बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा दी जा रही है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत अब KCC के माध्यम से मिलने वाले ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को कृषि संबंधित जरूरतों के लिए अधिक ऋण आसानी से उपलब्ध होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
प्राइम मिनिस्टर धन-धान्य योजना का विस्तार
वित्त मंत्री ने बजट में प्राइम मिनिस्टर धन-धान्य योजना के विस्तार की भी घोषणा की। इस योजना के तहत फसल विविधीकरण (Crop Diversification) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इससे किसानों को पारंपरिक फसलों के साथ-साथ अन्य लाभकारी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों की आय में सुधार करना है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ 7.5 करोड़ किसानों तक पहुंचेगा, जिससे उनकी कृषि उपज और आय में वृद्धि होगी।
किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?
- आर्थिक मजबूती: किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ने से किसानों को फसल उत्पादन, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए अधिक धनराशि आसानी से उपलब्ध होगी।
- उन्नत कृषि तकनीक: धन-धान्य योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी।
- फसल विविधीकरण: विविध फसलों की खेती से किसानों को बाजार में बेहतर कीमत मिलने के अवसर बढ़ेंगे।
अर्थव्यवस्था पर असर
सरकार के इन कदमों से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। किसानों की आय बढ़ने से उनकी क्रय शक्ति में भी सुधार होगा, जो देश की समग्र आर्थिक विकास दर को मजबूत करेगा।
वित्त मंत्री का बयान:
“कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए बजट में व्यापक उपाय किए गए हैं। हमारी योजनाएं किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने पर केंद्रित हैं।”
इस बजट से किसानों को नई उम्मीदें मिली हैं और यह कदम सरकार के ‘डबल इनकम’ लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।