नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशन महादेव के तहत भारतीय सेना ने तीन खतरनाक आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया। इनमें पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी शामिल था, जो पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का प्रशिक्षित कमांडो बताया जा रहा है। इस कार्रवाई में अबू हमजा, यासिर और सुलेमान नामक आतंकी भी मारे गए हैं। इन आतंकियों की लोकेशन सुरक्षा एजेंसियों को T82 अल्ट्रासेट सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस से प्राप्त हुई थी।
सुरक्षा बलों ने यह ऑपरेशन श्रीनगर के बाहरी इलाके, जबरवान रेंज की महादेव चोटी पर अंजाम दिया, जो सामरिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों को आतंकियों के पास से अमेरिकी एम4 कार्बाइन राइफल सहित भारी हथियार बरामद हुए, जो बुलेटप्रूफ जैकेट को भी भेद सकते हैं।
सेना की इस सफलता के बाद बलिदानी शुभम द्विवेदी के परिवार ने संतोष व्यक्त किया है। उनकी पत्नी आशन्या ने कहा कि उनके पति के हत्यारे मारे गए हैं, इससे मन को थोड़ी शांति मिली है। उन्होंने यह भी मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों को निरंतर जारी रखा जाए ताकि आतंकवाद की जड़ पूरी तरह से समाप्त हो सके। लेफ्टिनेंट नरवाल के पिता ने भी सेना की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि सेना ने देश की सुरक्षा में एक और अहम कदम उठाया है।
पहलगाम हमले में मारे गए आदिल हुसैन के भाई ने भी सेना की कार्रवाई को सही ठहराया और कहा कि जो निर्दोषों की हत्या करता है, उसे ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए। क्रिकेटर शिखर धवन ने भी ऑपरेशन की सफलता पर खुशी जताई और इसे देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया।
सुरक्षा एजेंसियां पिछले कई हफ्तों से आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रख रही थीं। 11 जुलाई को एक चीनी सैटेलाइट फोन के एक्टिव होने के बाद कार्रवाई को गति दी गई। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साझा प्रयासों से आतंकियों की सटीक लोकेशन की पुष्टि हुई और उन्हें दाचीगाम वन क्षेत्र में घेर लिया गया।

सूत्रों के मुताबिक मारे गए आतंकियों की योजना आगामी अमरनाथ यात्रा पर बड़ा आतंकी हमला करने की थी। लेकिन सुरक्षाबलों ने समय रहते इस साजिश को नाकाम कर दिया।
इस ऑपरेशन ने न केवल देश के लिए खतरा बने आतंकियों का सफाया किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैं।