ईरान: पश्चिम एशिया में एक बार फिर हालात गंभीर हो गए हैं। इजरायल की वायुसेना ने गुरुवार देर रात ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई स्थानों पर हवाई हमले किए। सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में ईरान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई ठिकानों को निशाना बनाया गया है। हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किन-किन जगहों पर हमले किए गए हैं।
इस हमले के बाद इजरायल में सायरन बजने लगे और देशभर में आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने पूरे देश में विशेष आपात स्थिति लागू कर दी है। इसके साथ ही इजरायल ने अपने हवाई क्षेत्र को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। वहीं, ईरान ने भी तेहरान से उड़ान भरने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को स्थगित कर दिया है।
इस घटनाक्रम पर अमेरिका की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले से पहले ही संकेत दिए थे कि इजरायल ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा था कि वह यह नहीं कह सकते कि हमला निकट भविष्य में होगा, लेकिन हालात जिस दिशा में बढ़ रहे हैं, उससे यह संभावना बन रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर ईरान परमाणु समझौते पर बातचीत नहीं करता है, तो क्षेत्र में बड़ा संघर्ष शुरू हो सकता है।
उधर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस हमले से अमेरिका का कोई संबंध होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि इजरायल ने यह कार्रवाई एकतरफा रूप से की है और अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। उन्होंने तेहरान से अपील की है कि वह इस स्थिति में अमेरिका के किसी हित या कर्मी को निशाना न बनाए।
ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका की प्राथमिकता क्षेत्र में मौजूद अपने बलों की सुरक्षा करना है और ईरान को स्पष्ट रूप से यह समझ लेना चाहिए कि अमेरिका टकराव नहीं चाहता, लेकिन अपने लोगों की रक्षा जरूर करेगा।
गौरतलब है कि इजरायल की इस कार्रवाई से पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और भविष्य में और बड़ी सैन्य कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा इस क्षेत्र में मौजूद अन्य देशों ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
स्थिति पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। कूटनीतिक स्तर पर कई देश सक्रिय हो गए हैं और संघर्ष को टालने के प्रयास जारी हैं। लेकिन फिलहाल हालात नियंत्रण में नहीं दिखाई दे रहे।