किसानों का विरोध नवीनतम समाचार: किसान आंदोलन में प्रदर्शन के दौरान 1 युवा अन्नदाता की मौत के मामले को लेकर ब्रिटेन की संसद ने चिंता जाहिर की है. वहां से सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि किसानों की अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा की जानी चाहिए.
संसद में संबोधन के दौरान सांसद ढेसी ने आगे कहा, “पुलिस के साथ धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी के बीच कल भारत में किसान आंदोलन के दौरान एक प्रदर्शनकारी की जान चली गई. सिख समुदाय और गुरुद्वारों के सदस्यों सहित मेरे कई दोस्तों ने दिल्ली की ओर मार्च करने के प्रयास में प्रदर्शनकारी किसानों की सुरक्षा के बारे में अपनी गंभीर चिंताओं के बारे में मुझे बताया है.”
एक्स अकाउंट ब्लॉक करने का भी उठाया मुद्दा
तनमनजीत सिंह ढेसी ने सदन को बताया कि बुधवार को पुलिस के साथ कथित गतिरोध के दौरान एक प्रदर्शनकारी की सिर में गोली लगने से मौत हो गई थी. एक और किसान को गोली लगी थी, लेकिन वह बच गया. इनके अलावा 13 अन्य किसानों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. अपने भाषण में उन्होंने किसानों के विरोध से जुड़े एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट और पोस्ट को निलंबित करने के भारत सरकार के आदेशों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “आज बीबीसी ने रिपोर्ट दी है कि एक्स ने इस मामले में वैध पोस्ट और अकाउंट को हटाने के लिए उनकी इच्छा के खिलाफ मजबूर होने की बात स्वीकार की है.” उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए.
चार दौर की बैठक रह चुकी है बेनतीजा
दरअसल, एमएसपी समेत कई अन्य मांगों को लेकर किसानों ने दिल्ली चलो आंदोलन का आह्वान किया था. इसके लिए किसान जब दिल्ली के लिए निकले तो हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर पुलिस ने किलेबंदी करके किसानों को रोक लिया. तब से किसानों और पुलिस के बीच सीमा पर झड़प जारी है. सबसे ज्यादा झड़प शंभू बॉर्डर पर है. किसानों को मनाने के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों ने 4 दौर की बैठक की. चौथी बैठक में किसानों को कुछ प्रस्ताव दिए गए थे, जिन्हें किसानों ने खारिज कर दिया था.