वाशिंगटन: अमेरिका और रूस के बीच तनातनी एक बार फिर चरम पर पहुंच गई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए दो परमाणु पनडुब्बियों को रूस की सीमा के पास तैनात करने का आदेश दिया है। यह फैसला रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के तीखे बयान के बाद आया है।
हाल ही में मेदवेदेव ने डोनाल्ड ट्रंप को सीधी चेतावनी देते हुए कहा था कि हर अल्टीमेटम अमेरिका को युद्ध की ओर ले जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस कोई ईरान या इजरायल नहीं है जो चुप बैठा रहेगा। ट्रंप को ‘स्लीपी जो’ यानी जो बाइडेन जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने कहा कि मेदवेदेव को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेदवेदेव अब भी खुद को राष्ट्रपति समझते हैं, जबकि वह बेहद खतरनाक स्थिति में चल रहे हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह रूस और व्लादिमीर पुतिन से अब निराश हो चुके हैं और यदि स्थिति स्पष्ट है तो फैसले में देरी क्यों की जाए, आज ही कार्रवाई की जाए।
ट्रंप ने इससे पहले रूस को यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए 50 दिन की डेडलाइन दी थी, लेकिन अब इसे घटाकर 10 दिन कर दिया गया है। ट्रंप के इस बयान के बाद क्रेमलिन ने अमेरिका की मंशा को गंभीरता से लिया है और पनडुब्बी तैनाती के फैसले को सीधे चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
इस बीच, यूक्रेन पर रूस के ताबड़तोड़ हमले जारी हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी ड्रोन और मिसाइल हमलों में 31 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल हैं। हमले में 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। शुक्रवार को कीव में आधिकारिक शोक दिवस मनाया गया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि गुरुवार को हुए हमलों में सबसे कम उम्र का पीड़ित दो वर्ष का था और घायलों में 16 बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने रूस के इस हमले को नृशंस बताया और कहा कि यह स्पष्ट करता है कि अब मास्को पर वैश्विक दबाव और कड़े प्रतिबंध जरूरी हो गए हैं।
जेलेंस्की ने दुनिया से अपील करते हुए कहा कि ऐसे हमलों के खिलाफ खामोश नहीं रहा जा सकता। उन्होंने उन सभी देशों का आभार जताया जो यूक्रेन के साथ खड़े हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप, यूरोपीय नेताओं और अन्य सहयोगियों की सराहना की जो इस स्थिति को गंभीरता से लेकर रूस की निंदा कर रहे हैं।