अबू धाबी, संयुक्त अरब इमारात: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच रणनीतिक साझेदारी के रिश्ते और भी मजबूत होने की उम्मीद है। अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान रविवार को अपने उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी इस महत्वपूर्ण यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊँचाई पर ले जाना है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी के आमंत्रण पर भारत आ रहे शेख खालिद का यह दौरा रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। शेख खालिद सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत बनाने पर गहन विचार-विमर्श होगा।
वह राजघाट भी जा कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन पेश करेंगे। विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक क्राउन प्रिंस शेख खालिद और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े हर पहलू पर बात होगी।
द्विपक्षीय वार्ता: हर पहलू पर होगी चर्चा
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस शेख खालिद के बीच द्विपक्षीय संबंधों के हर पहलू पर चर्चा होगी। दोनों देश राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, और रक्षा सहयोग के क्षेत्र में एक दूसरे के महत्वपूर्ण साझेदार बन चुके हैं। इस वार्ता से उम्मीद की जा रही है कि ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, कारोबार और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में सहयोग को और प्रगाढ़ किया जाएगा।
भारत और यूएई के ऐतिहासिक संबंध
भारत और यूएई के बीच रिश्ते ऐतिहासिक और मित्रतापूर्ण रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, “दोनों देशों ने अपने समग्र रणनीतिक साझेदारी को गहरा बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। हाल के वर्षों में भारत और यूएई के बीच कारोबारी, सांस्कृतिक, और रणनीतिक स्तर पर कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच साझेदारी और मजबूत हुई है।”
सांस्कृतिक संबंधों में नए आयाम
यूएई ने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों का हमेशा सम्मान किया है। इसी कड़ी में, इस वर्ष अबु धाबी में एक भव्य हिंदू मंदिर की स्थापना की गई है। यह मंदिर दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का प्रतीक है और इससे दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है।