चिड़ावा, 9 मई 2025: विशिष्ट न्यायाधीश इसरार खोखर की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में आरोपी रविन्द्र को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दिया गया।

मामला 18 जनवरी 2022 को दर्ज हुआ था जब पीड़िता की माता ने चिड़ावा थाने में रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी नाबालिग पुत्री को रविन्द्र और राहुल बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गए और सीकर में उसके साथ दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, अपहरण और दुष्कर्म से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय में चालान पेश किया।
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडवोकेट मोहम्मद खादिम हुसैन ने पैरवी करते हुए 17 गवाहों के बयान और 34 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए। इन साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने रविन्द्र को दोषी पाया।
न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय सुनाया कि आरोपी रविन्द्र के खिलाफ अपराध सिद्ध होता है, और उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया। वहीं, सह-आरोपी राहुल के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं हो पाने के कारण उसे संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।

पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे खादिम हुसैन ने फैसले पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि यह फैसला पीड़िता और उसके परिवार के लिए न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है।