चिड़ावा: कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी पर आज आंवला नवमी मनाई जा रही है। महिलाएं आंवले के पेड़ की पूजा अर्चना कर घर-परिवार में सुख समृद्धि की कामना कर रही हैं। कस्बे के जिन देवालयों में आंवले के वृक्ष हैं, वहां आज सुबह से ही महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है। आज के दिन श्री हरि विष्णु के दामोदर स्वरूप की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है।
कस्बे के कल्याण प्रभु मन्दिर, श्याम मन्दिर, चौरासियों का मन्दिर, रानीसती मन्दिर, देवी जी का मन्दिर मन्दिर, गणेश मन्दिर सहित अन्य देवालयों में सुबह से ही आज पूजा अर्चना के लिए महिलाओं का तांता लगा रहा। कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं भी आज पूजा के लिए विशेष रूप से मन्दिरों में पहुंची।
मां लक्ष्मी ने भी की थी पूजा
ज्योतिष मार्तंड पं. महेश कुमार दाधीच ने बताया कि आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु का वास आंवले के वृक्ष में होता है। मां लक्ष्मी ने भी पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु एवं महादेव की पूजा आंवले के रूप में की थी और इसी पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया था। पं. महेश कुमार दाधीच ने बताया कि अक्षय नवमी अथवा आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु को आंवले का भोग लगाने से, किसी जरूरतमंद को भोजन कराने से, सम्भव हो तो घर में आंवले का पौधा लगाने से, आंवले के पेड़ के नीचे बैठने से तथा भगवान विष्णु और महालक्ष्मी जी को केसर की खीर का भोग लगाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और किसी की भी सोई हुई किस्मत पुन: जागृत हो सकती है।