झुंझुनूं, 24 अप्रैल 2025: जिले में गुरुवार को बड़ी संख्या में डंपर चालकों और मालिकों ने जिला परिवहन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने परिवहन विभाग पर एकतरफा और भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बिना पूर्व सूचना और स्पष्ट कारण बताए जिले के 647 डंपरों की आरसी निलंबित कर दी गई, जिससे न केवल उनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है बल्कि वे गंभीर आर्थिक संकट में भी घिर गए हैं।
प्रदर्शन के दौरान ड्राइवरों और वाहन मालिकों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और त्वरित समाधान की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि तीन दिन के भीतर उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो जिलेभर में ट्रांसपोर्ट सेवाएं ठप कर दी जाएंगी और बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।

एक डंपर मालिक ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन बेचकर भारी निवेश कर डंपर खरीदे हैं। उन्होंने हर किस्त समय पर चुकाई है और विभाग द्वारा तय सभी टैक्स, टोल टैक्स, जीएसटी, रॉयल्टी, टीपी तथा फिक्स प्लान के तहत वार्षिक कर भी जमा कराए हैं। बावजूद इसके, बिना स्पष्टीकरण दिए आरसी सस्पेंड कर दी गई हैं, जिससे गाड़ियां बेकार खड़ी हैं और कुछ को बेचने की नौबत आ गई है।
वहीं, मालिक एक अन्य ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई सिर्फ झुंझुनूं और शेखावाटी क्षेत्र में की गई है, जबकि राज्य के अन्य जिलों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। उन्होंने मांग की कि अन्य जिलों की तर्ज पर झुंझुनूं में भी समानता के आधार पर राहत दी जाए। राजपाल ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो जिले में ट्रांसपोर्ट पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा, जिससे आम नागरिकों और सरकार दोनों को असुविधा होगी।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सभी वाहन परिवहन कार्यालय के प्रांगण में खड़े कर देंगे और परिस्थिति अत्यधिक गंभीर हुई तो वे गाड़ियों को जलाने तक को मजबूर हो सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट मांग रखी कि ई-रवाना की बाध्यता समाप्त की जाए और सस्पेंड की गई आरसी को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए।
इस मामले में झुंझुनूं के जिला परिवहन अधिकारी मखनलाल जांगिड़ ने जानकारी दी कि खान विभाग और परिवहन विभाग का डेटा आपस में लिंक है। खान विभाग द्वारा जारी ई-रवाना की सूचना सीधे परिवहन विभाग को मिलती है। उन्होंने बताया कि 19 फरवरी को सरकार की ओर से इन्वेस्टिंग योजना के अंतर्गत ई-रवाना पर 95 प्रतिशत की छूट दी गई थी और इसके लिए संबंधित वाहन मालिकों को नोटिस भी भेजे गए थे।

जांगिड़ ने स्पष्ट किया कि जिन वाहन मालिकों ने निर्धारित समय में ई-रवाना बिल जमा नहीं करवाया, केवल उन्हीं की आरसी निलंबित की गई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई वाहन मालिक अब भी लंबित बिल जमा करवा देता है, तो उसकी आरसी तत्काल प्रभाव से बहाल कर दी जाएगी।
डंपर चालकों के इस विरोध के चलते जिले में खनन और निर्माण कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यदि यह मुद्दा शीघ्र सुलझाया नहीं गया, तो इसका असर जिले की आर्थिक गतिविधियों और आम जनता की सुविधाओं पर भी गहराई से पड़ेगा।