Tuesday, August 5, 2025
Homeदेशपश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को बड़ा...

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को बड़ा झटका, 25,000 नौकरियां रद्द

कोलकाता, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में नियुक्त 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह दूषित थी। इससे ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि व्यापक अनियमितताओं के कारण पूरी चयन प्रक्रिया को दोषपूर्ण घोषित किया जाना उचित है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले से नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों को अब तक प्राप्त वेतन वापस नहीं करना होगा। साथ ही, कोर्ट ने निर्देश दिया कि नई भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी की जाए।

Advertisement's
Advertisement’s

बेदाग उम्मीदवारों को मिल सकती है राहत

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि नई भर्ती प्रक्रिया में उन उम्मीदवारों को छूट दी जा सकती है, जिनका चयन बिना किसी अनियमितता के हुआ था। इसका मतलब यह है कि जो उम्मीदवार निष्पक्ष तरीके से भर्ती हुए थे, उन्हें नए सिरे से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।

सीबीआई जांच पर 4 अप्रैल को सुनवाई

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 4 अप्रैल को एक और महत्वपूर्ण सुनवाई करेगा। यह सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के निर्देश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर होगी। राज्य सरकार ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश के खिलाफ भी याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 123 अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट की पहले की रोक और अब का फैसला

गत वर्ष 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी, लेकिन साथ ही सीबीआई को जांच जारी रखने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन लोगों की नौकरी ही रद्द की जानी चाहिए, जो भ्रष्टाचार के माध्यम से भर्ती हुए हैं।

Advertisement's
Advertisement’s

जनता का विश्वास बना रहना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

राज्य सरकार का दावा था कि करीब 7,000 से 8,000 लोगों ने अवैध तरीके से सरकारी नौकरी हासिल की, लेकिन अदालत ने इस आंकड़े को लेकर संतोषजनक प्रमाण पेश न किए जाने पर सवाल उठाए। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार को भर्ती प्रक्रिया से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रखना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यह घोटाला व्यवस्थागत भ्रष्टाचार का उदाहरण है। सरकारी नौकरियां सीमित होती हैं और उम्मीदवार इन्हें पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। अगर जनता का विश्वास सरकारी भर्ती प्रणाली से उठ गया, तो यह गंभीर समस्या होगी।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!