नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति उस समय की गई है जब भारत सरकार अपनी आर्थिक नीतियों और वित्तीय प्रशासन को और अधिक मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने कहा कि दास अगले आदेश तक इस महत्वपूर्ण पद पर बने रहेंगे।
शक्तिकांत दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में उनकी नई भूमिका को प्रमुख बनाती है, जहां वह प्रमुख आर्थिक और वित्तीय मामलों पर रणनीतिक सलाह देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि यह कदम सरकार के निर्णय लेने के ढांचे को और भी मजबूती प्रदान करेगा।
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आरबीआई गवर्नर के रूप में 6 साल की सेवा
शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में 6 साल तक अपनी सेवाएं दीं। उनके नेतृत्व में, भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड-19 महामारी के दौरान और बाद में आर्थिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लिए गए, जिनमें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कदम उठाए गए थे।
2021 में केंद्र सरकार ने उन्हें तीन साल का विस्तार दिया, जिससे उनकी आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में उनके योगदान को मान्यता मिली। वे भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के रूप में कार्यरत रहे और उनकी नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।
केंद्र और राज्य सरकारों में महत्वपूर्ण सेवाएं
शक्तिकांत दास ओडिशा राज्य के भुवनेश्वर निवासी हैं और वे तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। अपने करियर के दौरान, उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने केंद्रीय सरकार में आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव और उर्वरक सचिव के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, वे तमिलनाडु सरकार में भी विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्यरत रहे।
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नई भूमिका में शक्तिकांत दास का योगदान
प्रधान सचिव-2 के रूप में शक्तिकांत दास का कार्यभार केंद्र और राज्य सरकारों के आर्थिक और वित्तीय मामलों की रणनीति को लेकर होगा। उनका अनुभव और ज्ञान देश की आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। उनके नेतृत्व में, सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।