चिड़ावा, 31 जनवरी। चिड़ावा की अरड़ावता ग्राम पंचायत के बारी गांव में शुक्रवार को एक भयावह घटना घटी, जब श्वानों (कुत्तों) के झुंड ने एक बाड़े में घुसकर दस बकरियों पर हमला कर दिया। हमले में सात बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गईं।
खुशी के मौके पर मातम: सगाई समारोह के बीच कहर
घटना पशुपालक राधेश्याम मेघवाल के घर की है, जहां उनकी बेटी की सगाई का कार्यक्रम चल रहा था।
- सगाई की तैयारियों में व्यस्त परिवार को इस हमले की भनक तक नहीं लगी।
- बकरियां घर से कुछ ही दूरी पर बाड़े में बंधी थीं।
- अचानक श्वानों का झुंड वहां आ धमका और बकरियों को नोच डाला।
जब परिवार के लोग मौके पर पहुंचे, तो बाड़े में खून से सनी बकरियों की लाशें बिखरी पड़ी थीं।
प्रशासन हरकत में: मौके पर पहुंचे अधिकारी
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
- मृत बकरियों को हटाया गया और घायल बकरियों का इलाज शुरू कराया गया।
- स्थानीय ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और प्रशासन से मदद की मांग की।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा पशुपालक, ग्रामीणों ने मांगी सहायता
राधेश्याम बकरी पालन से ही अपने परिवार का गुजारा करता था।
- इस हमले में उसका बड़ा नुकसान हो गया, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति संकट में आ गई।
- ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलवाने की अपील की।
बड़ा सवाल: क्या यह आखिरी हमला था?
यह घटना एक चिंताजनक संकेत है कि आवारा श्वानों की बढ़ती संख्या अब गांवों के मवेशियों पर कहर बन रही है।
- सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा?
- अगर समय रहते इन श्वानों पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो अगला शिकार किसका होगा?
क्या प्रशासन इस भयावह घटना से सबक लेकर कोई कार्रवाई करेगा या फिर किसी और घर में ऐसे ही मातम छाएगा?