पटना, बिहार: रविवार देर शाम बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जेपी गोलंबर पर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी सीएम आवास की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए दो वाटर कैनन से पानी की बौछार की और लाठियां भांजी। इस दौरान सात-आठ छात्र घायल हो गए, जबकि दर्जन भर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी: प्रशासन
सिटी एसीपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को जिला प्रशासन से प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली थी। उन्होंने गैरकानूनी तरीके से रास्ता अवरुद्ध कर दिया था, जिससे विधि-व्यवस्था बिगड़ रही थी। दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को कई बार चेतावनी दी, लेकिन वे सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए।
पुलिस ने किया मामला दर्ज
प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती, कोचिंग संचालक रह्मांशु मिश्रा, निखिल मणि तिवारी, सुभाष कुमार ठाकुर, शुभम स्नेहिल, प्रशांत किशोर सहित कुल 21 नामजद और 600-700 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। प्रशांत किशोर पर छात्रों को भड़काने का आरोप लगाया गया है। उनके साथ मौजूद दो बाउंसरों को भी इस मामले में शामिल किया गया है।
सीएम आवास की ओर मार्च कर रहे थे प्रदर्शनकारी
रविवार की सुबह से ही अभ्यर्थी गांधी मूर्ति के पास इकट्ठा होने लगे। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया। प्रदर्शन के दौरान जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी पहुंचे, लेकिन युवाओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि वे अपने दम पर आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहते हैं और इसे किसी राजनेता के हाथ में नहीं जाने देंगे।
जेपी गोलंबर के पास प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने लगभग ढाई घंटे तक प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे हटने को तैयार नहीं हुए।
छात्रों ने लगाए परीक्षा में धांधली के आरोप
अभ्यर्थियों ने BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है। 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में बापू सभागार केंद्र पर अनियमितताओं की शिकायतों के बाद इस केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। अब यह परीक्षा 4 जनवरी को दोबारा आयोजित की जाएगी।