चिड़ावा: 30 नवंबर 2024: चिड़ावा-सिंघाना सड़क मार्ग स्थित बस स्टैंड लाल चौक पर नहर की मांग को लेकर चल रहा किसानों का धरना 334वें दिन भी जारी रहा। आंदोलन प्रवक्ता विजेंद्र शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित इस धरने में किसानों ने सरकार की उदासीनता पर कड़ा विरोध जताया।
जल संकट के गहराते हालात पर किसानों की चिंता
धरने में आंदोलनरत किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए तो आने वाले वर्षों में शेखावाटी क्षेत्र जल संकट की गंभीर स्थिति में फंस जाएगा। किसानों ने बताया कि सर्दियों में पानी की कमी पहले ही साफ दिखाई दे रही है, ऐसे में गर्मियों में हालात और भयावह हो जाएंगे।
किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जनता की परेशानियों के प्रति पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है। आंदोलन के दौरान नजदीकी गांव बडसरी का बास से पहुंचे शंकर शर्मा, नेहा और आरती ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि नहर इस क्षेत्र के लिए जीवन रेखा है। उन्होंने बताया कि पानी की कमी के कारण खेती और पशुधन पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका और सामाजिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
जल संकट का व्यापक प्रभाव
आंदोलन में शामिल लोगों ने बताया कि पानी की कमी के कारण शिक्षा, विवाह, और रोजगार जैसे सामान्य जीवन के कार्य बाधित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अन्य क्षेत्रों के लोग पानी की समस्या के कारण यहां अपनी बेटियों की शादी करने से भी परहेज कर रहे हैं।
आंदोलन का रुख होगा उग्र
किसानों ने कहा कि अब तक आंदोलन शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक रहा है, लेकिन अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को उग्र और हिंसात्मक बनाना पड़ेगा।
धरने में शामिल रहे प्रमुख लोग
धरने में उपसचिव ताराचंद तानाण, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुनीता साईं पंवार, यात्रा संयोजक रणधीर ओला, उपाध्यक्ष बजरंग लाल, नौजवान सभा के जयंत चौधरी, सौरभ सैनी, करण कटारिया, सुरेंद्र यादव, प्रभुराम सैनी, धर्मपाल, नवीन हीरवा, महीपाल चाहर, बनवारीलाल चाहर, श्रवण तानाण, जगमोहन यादव, नत्थू जांगिड़, सुनिल कुमार, नवीन तानाण, नोकराम, नेहा शर्मा और आरती शर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
किसानों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि सरकार को अब तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा।