बडगाम, जम्मू-कश्मीर: शुक्रवार शाम को कश्मीर घाटी के बडगाम जिले के मागाम क्षेत्र में जल जीवन परियोजना पर कार्यरत दो गैर-स्थानीय मजदूरों पर एक और आतंकी हमला हुआ। माजहामा में आतंकियों ने निर्माण स्थल पर मजदूरों को गोली मार दी, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के निवासी सुफियान और मोहम्मद उस्मान घायल हो गए। दोनों मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
शनिवार सुबह से ही श्रीनगर के खानयार, बांदीपोरा-पन्हार समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। हमलावरों की तलाश जारी है, जबकि दोनों घायल मजदूरों को एसडीएच मागाम से स्किम्स बेमिना रेफर कर दिया गया है।
पिछले 16 दिनों में पांच आतंकी हमले
पिछले 16 दिनों में घाटी में मजदूरों और सुरक्षा बलों पर कई आतंकी हमले हो चुके हैं:
- 17 अक्तूबर: शोपियां जिले में बिहार के मजदूर अशोक चौहान की हत्या।
- 20 अक्तूबर: गांदरबल के गगनगीर में सुरंग निर्माण में कार्यरत एक डॉक्टर सहित सात लोगों की हत्या।
- 24 अक्तूबर: त्राल के बटागुंड में उत्तर प्रदेश के मजदूर शुभम कुमार पर गोलीबारी, जिसमें वह घायल हुआ।
- 24 अक्तूबर: बारामुला के गुलमर्ग में आतंकी हमले में सेना के दो जवान और दो पोर्टर शहीद हुए।
- 01 नवंबर: बडगाम में दो मजदूरों पर हमला, जिनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
डोडा जिले में सक्रिय आतंकी समूह
डोडा जिले में आतंकवाद की गतिविधियों को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है। जिले के एसएसपी मोहम्मद असलम ने बताया कि चिनाब घाटी में दो आतंकी समूह सक्रिय हैं, लेकिन स्थानीय नागरिकों से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्थानीय आतंकियों की गतिविधियों के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, और सुरक्षा बल सतर्क हैं।
गांदरबल में सात मजदूरों की हत्या
इससे पहले 20 अक्तूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर क्षेत्र में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कंपनी पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें सात मजदूरों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-ताइबा के सहयोगी संगठन ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली थी।
बिहार के मजदूर की हत्या पर विरोध प्रदर्शन
शोपियां में 18 अक्तूबर को बिहार के मजदूर की हत्या के बाद नागरिक समाज और छात्रों ने 19 अक्तूबर को विरोध मार्च निकालकर शांति की अपील की थी। इस घटना की निंदा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने की थी।
कश्मीर में प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या
कश्मीर में चल रही बड़ी परियोजनाओं, बागवानी और रेलवे परियोजनाओं में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब के प्रवासी मजदूरों का अहम योगदान है। वे निर्माण कार्य, सेब के बागानों में पैकिंग, फल-सब्जी की बिक्री, और अन्य कार्यों में कार्यरत हैं।