हरियाणा: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश में पहले से दो जनसभाओं को संबोधित करने के बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अब रथ यात्रा के जरिए सियासी माहौल को और धार देने की रणनीति बनाई है। 30 सितंबर को राहुल गांधी ने अंबाला के नारायणगढ़ से अपनी “विजय संकल्प यात्रा” की शुरुआत की, जिसमें उनकी बहन प्रियंका गांधी भी उनके साथ थीं। कांग्रेस के इस प्रयास को बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की योजना के रूप में देखा जा रहा है, विशेषकर जीटी बेल्ट और अहिरवाल क्षेत्रों में जहां बीजेपी की मजबूत पकड़ है।
राहुल गांधी की विजय संकल्प यात्रा: बीजेपी के गढ़ में चुनौती
राहुल गांधी की विजय संकल्प यात्रा का उद्देश्य हरियाणा में कांग्रेस के कमजोर इलाकों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करना है। इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस ने उन क्षेत्रों को कवर करने की योजना बनाई है, जहां बीजेपी और जेजेपी का प्रभाव अधिक है। राहुल गांधी ने अपने यात्रा के पहले दिन छह महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया, जिसमें अंबाला, यमुनानगर, मुलाना, शाहबाद, और लाडवा शामिल थे। लाडवा सीट से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार मेवा सिंह से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है।
पहले दिन की यात्रा का शेड्यूल
यात्रा की शुरुआत अंबाला के नारायणगढ़ में एक सभा के साथ हुई। इसके बाद राहुल गांधी यमुनानगर होते हुए मुलाना पहुंचे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। यात्रा का प्रमुख आकर्षण लाडवा था, जहां सीएम नायब सैनी की सीधी टक्कर कांग्रेस के उम्मीदवार से है। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस यात्रा के माध्यम से उन क्षेत्रों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनेगा, जहां बीजेपी और जेजेपी ने पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था।
राहुल-प्रियंका की रथ यात्रा: कांग्रेस की रणनीति
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अगले चार दिनों तक हरियाणा में कांग्रेस के प्रचार अभियान की अगुवाई करेंगे। इस यात्रा के दौरान 50 से अधिक विधानसभा सीटों को कवर करने की योजना बनाई गई है। यात्रा का उद्देश्य कांग्रेस के मजबूत क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाए रखना और बीजेपी के प्रभाव वाले इलाकों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करना है। जीटी बेल्ट और अहिरवाल जैसे इलाकों में जहां बीजेपी का प्रभाव रहा है, कांग्रेस के लिए चुनौती कठिन है। इन इलाकों में बीजेपी ने 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था।
जीटी बेल्ट और कांग्रेस की चुनौती
जीटी बेल्ट हरियाणा की राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस इलाके में पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और कैथल जिले आते हैं, जिनमें कुल 27 विधानसभा सीटें हैं। 2014 और 2019 में बीजेपी ने इन 27 सीटों में से 14 पर कब्जा किया था, जबकि कांग्रेस को केवल 9 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार कांग्रेस ने जीटी बेल्ट में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए राहुल गांधी की रथ यात्रा की योजना बनाई है। इसके अलावा, अहिरवाल बेल्ट, जहां बीजेपी का दबदबा है, वहां भी कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा भी साथ
राहुल गांधी की यात्रा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उदयभान और कुमारी सैलजा भी शामिल हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने असंध और बरवाला में दो बड़ी रैलियां की थीं, जिनमें 17 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया गया था। करनाल, पानीपत और सफीदों जैसे क्षेत्रों में बीजेपी ने 10 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि हिसार में बीजेपी ने 4 और जेजेपी ने 3 सीटें जीती थीं। कांग्रेस की यह रथ यात्रा उन क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहां पार्टी को पिछली बार कम सफलता मिली थी।
बीजेपी की रणनीति और पीएम मोदी का प्रचार अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में चुनाव प्रचार का आगाज कुरुक्षेत्र से किया था। कुरुक्षेत्र और जीटी बेल्ट बीजेपी के मजबूत गढ़ रहे हैं, जहां पार्टी को पिछले चुनावों में भारी समर्थन मिला था। बीजेपी ने जीटी बेल्ट की 27 में से 14 सीटों पर कब्जा किया है। कांग्रेस का उद्देश्य है कि इस बार इन क्षेत्रों में राहुल और प्रियंका गांधी की यात्रा के जरिए पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जाए।