Friday, November 22, 2024
Homeदेशदिल्ली कोचिंग हादसा: विवादों में घिरे विकास दिव्यकीर्ति, कोचिंग हादसे पर किया...

दिल्ली कोचिंग हादसा: विवादों में घिरे विकास दिव्यकीर्ति, कोचिंग हादसे पर किया चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली, 31 जुलाई 2024: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक दुखद घटना में, शनिवार को एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में जलभराव के कारण दो छात्राओं और एक छात्र की मौत हो गई। इस घटना ने राजधानी के छात्र समुदाय को झकझोर दिया है, खासकर उन छात्रों को जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। घटना के बाद से ही छात्रों में आक्रोश व्याप्त है, और वे लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को, छात्रों ने दृष्टि आईएएस और इसके निदेशक विकास दिव्यकीर्ति के घर के सामने प्रदर्शन किया।

विकास दिव्यकीर्ति का बयान

दृष्टि आईएएस के निदेशक विकास दिव्यकीर्ति ने इस घटना पर पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा, “बच्चों का गुस्सा जायज है। शायद उन्हें मुझसे ज्यादा की उम्मीद थी, इसलिए वे मुझ पर गुस्सा हुए। मैं आभारी हूं कि उन्हें मुझ पर गुस्सा आया। मेरे नाम पर गाली देने से ज्यादा व्यूज मिलते हैं, इसलिए मुझे निशाना बनाया गया। यह वर्चुअल मॉब लिंचिंग जैसा है।” उन्होंने आगे कहा कि वे भावनात्मक मामलों में मुखर नहीं होते और उन्होंने बच्चों के दर्द और नुकसान की संवेदना व्यक्त की। दिव्यकीर्ति ने बताया कि उन्होंने एलजी की मीटिंग में भाग लिया था और कुछ छात्रों से बातचीत की थी। उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही और छात्रों से मिलेंगे।

ये भी पढ़े:- दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर में आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत, गुस्साएं छात्रों ने किया प्रदर्शन

दृष्टि आईएएस का बेसमेंट सील

विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि बैठक में एलजी और दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि उपस्थित थे और उन्होंने बच्चों और संस्थानों की समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा, “एक कमेटी बनाई गई है, मैं भी उसमें हूं। उम्मीद है कि जल्द ही नतीजा सामने आएगा।” उन्होंने स्वीकार किया कि नियमों के स्तर पर गलती हुई है, लेकिन उनकी मंशा गलत नहीं थी। दिव्यकीर्ति ने यह भी खुलासा किया कि उनके एक बेसमेंट को सील कर दिया गया है, जो नेहरू विहार में स्थित है और इसे दिल्ली की सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक बताया।

कोचिंग संस्थानों की स्थिति

दिव्यकीर्ति ने कहा कि दिल्ली में करीब 2000 कोचिंग संस्थान हैं, जिनमें से एक भी शिक्षा भवन के लिए फायर एनओसी नहीं रखता। उन्होंने मुखर्जी नगर के कोचिंग संस्थानों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की, जहां केवल एक निकास और एक प्रवेश द्वार है, और बिजली का मीटर भी वहीं स्थित है। उन्होंने कहा, “मुख्य खतरा आग से है, हमने कभी नहीं सोचा था कि पानी भर सकता है। 3 साल पहले, जब जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ, तो हमें सात दिन की छुट्टी दी गई थी। लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो सकता है।”

छात्रों का विरोध और आगे की राह

घटना के बाद से ही छात्र समुदाय अपने साथियों के लिए न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा हुआ है। वे केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली के उपराज्यपाल और एमसीडी से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस घटना से जुड़े मुद्दों का समाधान कब और कैसे करते हैं।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!