लाहौर, पाकिस्तान: पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले आमिर सरफराज तांबा की हत्या कर दी गई। लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में स्थित अपने घर में तांबा पर दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलियां बरसाईं, जिससे उसकी मौत हो गई।
यह घटना उस समय हुई है जब ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान में कुछ हत्याएं भारत सरकार के इशारे पर की गई हैं।
पाकिस्तान ने भारत पर लगाया आरोप
इस बीच, पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने सोमवार को तांबा की हत्या में भारत का हाथ होने से इनकार नहीं किया है. मंत्री होने के साथ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष नकवी ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, “आमिर सरफराज की हत्या में भारत का लिंक सामने आया है और इसके कुछ सबूत भी मिले हैं।” नकवी ने यह भी कहा कि भारत सीधे तौर पर पाकिस्तान में इससे पहले भी 2 से 4 हत्याओं को अंजाम दे चुका है।
हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान अपने घरेलू मुद्दों को छिपाने के लिए भारत पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।
सरबजीत सिंह की हत्या
सरबजीत सिंह को 1990 में गलती से पाकिस्तान की सीमा पार करते हुए पकड़ लिया गया था। उन पर पाकिस्तानी सेना के कुछ अधिकारियों की बम विस्फोट में हत्या करने का आरोप लगाया गया था। 2013 में लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों ने उनकी हत्या कर दी थी।
इस घटना के बाद
- सरबजीत सिंह की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था।
- भारत ने पाकिस्तान से सरबजीत सिंह के हत्यारों को सजा देने की मांग की थी।
- इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध भी प्रभावित हुए थे।
निष्कर्ष
आमिर सरफराज तांबा की हत्या एक जटिल घटना है जिसके पीछे की सच्चाई अभी भी पूरी तरह से सामने नहीं आई है। इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।