झुंझुनूं, 15 जून: सौर ऊर्जा सिंचाई पंप संयंत्र के लिए आवेदन करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। जिन किसानों के आवेदन पहले निरस्त कर दिए गए थे, उन्हें अब 20 जून तक राज किसान साथी पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करके अपना आवेदन फिर से जमा करने का मौका दिया गया है।
उद्यान विभाग द्वारा मार्च 2024 में राज किसान साथी पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जांच कर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई थी। लेकिन, जांच में पाया गया कि झुंझुनूं जिले के कई आवेदनों में आवश्यक दस्तावेज अधूरे थे। इन आवेदकों को 15 दिनों के अंदर पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने के लिए कहा गया था, लेकिन बड़ी संख्या में किसान समय सीमा में ऐसा नहीं कर सके थे। जिसके कारण उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए थे।
उद्यान विभाग के उप निदेशक डॉ. शीशराम ने बताया कि जिन किसानों के आवेदन निरस्त हुए थे, वे 20 जून तक राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन फिर से खोल सकते हैं और मांगे गए दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। यह काम वे अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र के माध्यम से भी करवा सकते हैं।
आवेदन के साथ किसानों को नवीनतम जमाबंदी और नक्शा संलग्न करना होगा। यह दस्तावेज 6 माह से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें जल स्रोत की उपलब्धता और पूर्व में इस योजना का लाभ नहीं लिया गया है, इसका स्व-घोषणा शपथ पत्र भी देना होगा। किसान अनुमोदित फर्मों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।
उद्यान विभाग को पीएम कुसुम योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में झुंझुनूं जिले में 2000 सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य मिला था। डॉ. शीशराम ने बताया कि योजना की गाइडलाइन के अनुसार, पंप संयंत्र स्थापित करने वाले किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। पहले, 7.5 एचपी डीसी और 10 एचपी डीसी एसी पंप लगाने पर ही अनुदान दिया जाता था। लेकिन, अब 3 और 5 एचपी सोलर संयंत्रों पर भी अनुदान दिया जा रहा है।
डॉ. शीशराम ने बताया कि 7.5 एचपी डीसी पंप पर किसानों को 2 लाख 14 हजार 638 रुपए और 10 एचपी एसी और डीसी पंप पर 3 लाख 42 हजार 555 रुपए अनुदान मिलेगा। वहीं, 3 एचपी पंप पर 1 लाख 1 हजार 124 रुपए और 5 एचपी पंप पर 1 लाख 29 हजार 221 रुपए किसानों को अपनी तरफ से जमा करने होंगे।
उन्होंने किसानों को सचेत किया कि वे किसी भी स्थिति में अपनी हिस्सा राशि नकद में किसी भी स्तर पर, चाहे वह कार्यालय, फील्ड स्टाफ, कंपनी, फर्म या उनके प्रतिनिधियों को ही क्यों न हो, जमा न करें। विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के बाद ही किसानों को अपनी हिस्सा राशि डिमांड ड्राफ्ट या आरटीजीएस के माध्यम से जमा करनी होगी।
यह एक अच्छी पहल है जिससे उन किसानों को लाभ मिलेगा जो पहले समय सीमा में दस्तावेज जमा नहीं कर पाए थे। किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे सौर ऊर्जा का उपयोग करके सिंचाई कर सकें और अपनी लागत कम कर सकें।