सुलताना: कस्बे में सोमवार को अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले विद्युत विभाग की नीतियों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का मुख्य कारण गांवों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर और किसानों से जुड़ी नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए तत्काल प्रभाव से इन्हें बंद करने की मांग थी। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को ज्ञापन सौंपकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवाईं।
सांकेतिक धरने का नेतृत्व चिड़ावा प्रखंड अध्यक्ष अनिल कुमार (टोनी) ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधान रामनिवास बाजला ने की। इस दौरान सरपंच सुरेश माहला, मास्टर वीरभान, प्यारेलाल, बनवारीलाल, महावीर, हसन अली सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे। वक्ताओं ने कहा कि सरकार स्मार्ट मीटर के नाम पर किसानों पर आर्थिक बोझ डाल रही है और बिजली के बढ़ते बिलों से किसान त्रस्त हो रहे हैं।
धरने में वक्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया और यमुना नहर परियोजना को जल्द शुरू नहीं किया गया तो आने वाले समय में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यह आंदोलन सिर्फ विद्युत नीतियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की सिंचाई आवश्यकताओं को लेकर भी होगा, जिसमें यमुना नहर का मुद्दा प्रमुख रहेगा।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि किसानों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और गांव-गांव में जनजागरण अभियान चलाकर लोगों को एकजुट किया जाएगा। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को अविलंब रोका जाए।
सांकेतिक धरना शांति पूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ, लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश और आंदोलन की चेतावनी ने सरकार और प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार किसानों की मांगों को कितनी गंभीरता से लेती है।