नई दिल्ली, 02 सितंबर 2024: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 2 अगस्त को जमानत दे दी। बिभव कुमार पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने 18 मई को स्वाति मालीवाल की शिकायत पर बिभव कुमार को केजरीवाल के आवास से गिरफ्तार किया था।
जमानत के लिए कोर्ट की शर्तें
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। कोर्ट ने बिभव कुमार को जमानत देते हुए कई शर्तें भी रखीं। अदालत ने बिभव कुमार को मुख्यमंत्री के निजी सचिव के रूप में अपने पद पर लौटने या मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने पर रोक लगाई है, जब तक कि मामले के सभी प्रमुख गवाहों की जांच पूरी नहीं हो जाती।
इसके अलावा, अदालत ने बिभव कुमार को मामले के खिलाफ किसी भी तरह की सार्वजनिक टिप्पणी करने से भी रोका है। अदालत ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह इस प्रक्रिया को तीन सप्ताह के भीतर पूरा करे। इस अवधि तक बिभव कुमार को किसी भी आधिकारिक पद संभालने की अनुमति नहीं होगी।
चोटें आना सामान्य बात, जेल में नहीं रख सकते: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान, जस्टिस भुइयां ने कहा कि बिभव कुमार पिछले 100 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं और उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “स्वाति मालीवाल को चोटें आना सामान्य बात है, और यह मामला जमानत का है। ऐसे मामलों में किसी व्यक्ति को जेल में नहीं रखा जा सकता।”
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने तर्क दिया कि कुछ महत्वपूर्ण गवाह बिभव कुमार के प्रभाव में हो सकते हैं, इसलिए उनसे पहले पूछताछ होनी चाहिए। इस पर जस्टिस भुइयां ने कहा, “इस तरह से किसी भी व्यक्ति को जमानत नहीं दी जा सकती। यह आशंका बेबुनियाद है।”