चंडीगढ़ मेयर चुनाव: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त तेवर बरकरार रखा है. कोर्ट ने सोमवार (19 फरवरी) को निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह से कड़े सवाल पूछे. साथ ही, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जमा बैलेट पेपर और रिकॉर्ड अपने पास तलब किया. मंगलवार दोपहर 2 बजे यह तय होगा कि खराब किए गए पुराने मतपत्र की गिनती होगी या दोबारा मतदान होगा. कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि चंडीगढ़ के पार्षद दलबदल कर रहे हैं. ऐसे में दोबारा चुनाव करवाने से नतीजे बदल सकते हैं.
30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने 8 पार्षदों के वोट को अवैध ठहराया था. इससे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी रहे कुलदीप कुमार हार गए थे. कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. 5 फरवरी को कोर्ट ने मतगणना का वीडियो देखने के बाद निर्वाचन अधिकारी के आचरण पर कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी मसीह मतपत्रों पर निशान लगाते दिख रहे हैं. यह पूरी तरह अवैध है. कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को 19 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए भी कहा.
अनिल मसीह ने मानी बैलेट पेपर खराब करने की बात
कोर्ट के आदेश के मुताबिक अनिल मसीह आज पेश हुए. चीफ जस्टिस ने उनसे पहला सवाल किया कि वह कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे. इसके जवाब में मसीह ने कहा कि पार्षद कैमरा कैमरा चिल्ला रहे थे. इसलिए उन्होंने उधर देखा. चीफ जस्टिस आगे पूछा, “आपने मतपत्र पर निशान क्यों लगाए? इसके लिए तो आप पर केस चलना चाहिए.” मसीह का जवाब था, “जो मतपत्र खराब थे, मैंने उन पर निशान लगाया.” कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि अनिल मसीह ने खुद 8 मतपत्र पर निशान लगाने की बात स्वीकारी है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये निर्देश
सुनवाई के दौरान कुलदीप कुमार के लिए पेश वकील ने चंडीगढ़ में पार्षदों के पाला बदलने का उल्लेख किया. इस पर कोर्ट ने कहा कि वह इस बात पर विचार करेगा कि अगर संभव हो तो खराब किए गए पुराने बैलेट पेपर की दोबारा गिनती हो. इसके लिए एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से सभी रिकॉर्ड भेजने को कहा. 3 जजों की बेंच ने मंगलवार दोपहर 2 बजे आगे की सुनवाई की बात कही. बेंच ने अनिल मसीह को निर्देश दिया कि वह भी सुनवाई में मौजूद रहें.