अजमेर: राजस्थान की राजनीति में ईमानदारी, सादगी और कर्मठता के प्रतीक रहे प्रो. सांवरलाल जाट की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से अजमेर जिले के सिरोंज गांव में उनकी प्रतिमा का अनावरण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विशेष रूप से उपस्थित रहीं और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा कर प्रो. जाट को श्रद्धांजलि दी।
राजे ने लिखा कि वर्तमान राजनीति में जहां कई चेहरे एक ही व्यक्ति में समाहित दिखते हैं, वहीं सांवरलाल जैसे व्यक्ति विरले ही मिलते हैं। उन्होंने हमेशा निष्ठा और समर्पण के साथ साथ निभाया और अंतिम क्षण तक विचारधारा के प्रति समर्पित रहे। वसुंधरा राजे ने उन्हें भैरोंसिंह शेखावत की राजनीतिक परंपरा का सच्चा अनुयायी बताया।
राजे ने उल्लेख किया कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रो. जाट की व्यक्तिगत इच्छा चुनाव नहीं लड़ने की थी, लेकिन उन्होंने पार्टी की मर्यादा को सर्वोपरि रखते हुए न केवल चुनाव लड़ा, बल्कि ऐतिहासिक जीत भी दर्ज की। संसद में जल संसाधन राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने बीसलपुर परियोजना सहित जल प्रबंधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यों में भूमिका निभाई।
राजे ने यह भी कहा कि अगर आज वे जीवित होते तो किसानों के लिए लागू की गई कर्जमाफी योजना और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की शुरुआत देखकर अत्यंत प्रसन्न होते। उन्होंने ग्रामीण विकास और किसान कल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी और उनकी दूरदृष्टि आज भी प्रेरणास्रोत बनी हुई है।
प्रो. जाट ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन बार राजस्थान सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 2014 में सांसद बनने के बाद केंद्र सरकार में जल संसाधन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। उनके निधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा और देश की बड़ी क्षति बताया था।
सिरोंज गांव में स्थापित उनकी प्रतिमा न केवल श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि सच्चे जनसेवक कभी काल के गर्त में नहीं खोते, वे जनमानस की स्मृतियों में सदैव जीवित रहते हैं।