नई दिल्ली: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने रविवार देर रात एक भावुक पोस्ट के जरिए अपने पति और लंबे समय के साथी पारुपल्ली कश्यप से अलग होने की घोषणा की। इंस्टाग्राम पर साझा किए गए अपने बयान में साइना ने लिखा कि ‘जिंदगी कभी-कभी हमें अलग-अलग रास्तों पर ले जाती है।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि आपसी समझ और सोच-विचार के बाद दोनों ने यह निर्णय लिया है कि वे अब अलग-अलग जीवन की ओर बढ़ेंगे। साइना ने साथ बिताए पलों के लिए आभार जताते हुए आगे शांति, तरक्की और राहत की कामना की।
साइना और कश्यप की मुलाकात वर्ष 1997 में एक बैडमिंटन कैम्प के दौरान हुई थी। 2004 में जब पुलेला गोपीचंद ने हैदराबाद में अपनी बैडमिंटन अकादमी शुरू की, तब दोनों वहीं प्रशिक्षण लेने लगे और यहीं से उनके रिश्ते ने रफ्तार पकड़ी। लगभग एक दशक लंबे रिश्ते को दोनों ने 2018 में विवाह के रूप में सार्वजनिक रूप दिया। शादी से पहले उन्होंने कभी भी अपने संबंधों को सार्वजनिक नहीं किया था। कश्यप ने एक इंटरव्यू में इसे ‘स्कूल जैसा मासूम रोमांस’ बताया था।

साइना नेहवाल ने अपने करियर में भारतीय बैडमिंटन को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2012 के लंदन ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा और भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं जो ओलंपिक पोडियम तक पहुंची। 2015 में वह वर्ल्ड नंबर वन बनने वाली भारत की पहली महिला शटलर बनीं। उन्होंने विश्व बैडमिंटन में भारत की छवि को मजबूती प्रदान की और आने वाली पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
वहीं पारुपल्ली कश्यप भी पुरुष बैडमिंटन में भारत की पहचान रहे। उन्होंने 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक और 2014 के ग्लासगो गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय बैडमिंटन को गौरवान्वित किया। 2012 के लंदन ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले वह पहले भारतीय पुरुष शटलर बने। उनकी विश्व रैंकिंग भी एक समय छठे स्थान तक पहुंची थी, जो उनके निरंतर प्रदर्शन का प्रमाण है।
हालांकि, इतने वर्षों तक साथ रहने के बाद दोनों का यह फैसला उनके चाहने वालों के लिए चौंकाने वाला रहा। साइना ने अपने बयान में निजता की अपील करते हुए सभी से इस समय का सम्मान करने को कहा। वहीं पारुपल्ली कश्यप ने अब तक इस विषय में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
बैडमिंटन जगत की यह प्रतिष्ठित जोड़ी अब व्यक्तिगत जीवन की अलग राह पर है, लेकिन दोनों के खेल में दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। साइना और कश्यप का यह फैसला निजी है, परंतु खेल प्रेमियों के लिए यह निश्चित रूप से एक भावनात्मक क्षण है।