नई दिल्ली: भारत की राजनीति में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान 130वां संशोधन बिल में खुद को छूट देने से साफ इनकार कर दिया। इस नए प्रावधान के तहत अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी गंभीर आपराधिक मामले में 30 दिन जेल में रहता है, तो उसे पद छोड़ना होगा।
संविधान 130वां संशोधन बिल क्या है?
लोकसभा में पेश किए गए संविधान (130वां संशोधन) विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री अगर किसी गंभीर अपराध में गिरफ्तार होते हैं। अगर उन्हें लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहना पड़ता है। उस अपराध की सजा कम से कम 5 साल या उससे अधिक है। तो ऐसे जनप्रतिनिधि को एक महीने के भीतर पद छोड़ना अनिवार्य होगा।
पीएम मोदी ने छूट लेने से किया इनकार
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एएनआई से बातचीत में बताया कि जब मंत्रिमंडल बैठक में सिफारिश आई कि प्रधानमंत्री को इस कानून से बाहर रखा जाए, तब नरेंद्र मोदी ने खुद इस प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी देश का एक नागरिक है और उसे किसी तरह की विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।
नैतिकता पर पीएम मोदी का जोर
किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट संदेश था कि पद कोई भी हो, अगर गंभीर अपराध में दोषी पाया जाता है तो उसे पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। रिजिजू ने यह भी जोड़ा कि देश के अधिकांश मुख्यमंत्री हमारी पार्टी से हैं और अगर वे गलती करते हैं तो उन्हें भी पद छोड़ना पड़ेगा।
केंद्र सरकार द्वारा पेश अन्य विधेयक
लोकसभा में केंद्र सरकार ने तीन अहम विधेयक पेश किए:
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक
केंद्र शासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक
इन विधेयकों का मकसद राजनीति में जवाबदेही और पारदर्शिता लाना है।