आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित प्रसिद्ध श्री वराहालक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर, सिम्हाचलम में बुधवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। चंदनोत्सव के अवसर पर उमड़ी भारी भीड़ के बीच अचानक मंदिर परिसर की एक हाल ही में बनी दीवार तेज बारिश और हवाओं के चलते ढह गई। इस दर्दनाक हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई और 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा सुबह करीब 2:15 बजे उस समय हुआ जब 300 रुपये के विशेष दर्शन टिकट की कतार में लोग खड़े थे। इसी कतार के लिए बनाई गई एक नई दीवार अचानक गिर गई। दीवार के मलबे में दबने से मौके पर ही 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक घायल ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों को तुरंत किंग जॉर्ज अस्पताल (KGH) में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

भारी बारिश बनी हादसे की मुख्य वजह
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के कारण दीवार की नींव कमजोर हो गई थी। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि निर्माण कार्य हाल ही में पूरा हुआ था, और यह दीवार कमजोर थी। हालांकि, निर्माण में लापरवाही हुई या नहीं, इसकी विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
NDRF और SDRF ने संभाला मोर्चा
हादसे के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू किया। मलबे से 7 शवों को बाहर निकाला गया और कई अन्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया। अब भी कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका के चलते बचाव कार्य जारी है।
प्रशासनिक अमला सक्रिय — मंत्री व अधिकारियों का दौरा
हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर एमएन हरेनधीर प्रसाद और शहर पुलिस आयुक्त शंखब्रत बागची घटनास्थल पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्यों की निगरानी की।
राज्य की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता और विशाखापत्तनम के सांसद एम श्रीभारत ने भी मंदिर परिसर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
गृह मंत्री अनिता ने कहा:
“यह दीवार हाल ही में बनी थी। गुणवत्ता की गहन जांच की जाएगी। घायलों को सर्वोत्तम इलाज मुहैया कराया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया और ट्वीट किया:
“सिम्हाचलम मंदिर में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूं। हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उन्हें हरसंभव सहायता दी जाएगी। राहत कार्यों की सतत समीक्षा हो रही है।”
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों को हरसंभव चिकित्सा सुविधा दी जाए और मृतकों के परिजनों को मुआवजा एवं सहायता तत्काल प्रदान की जाए।

श्रद्धालुओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था
हादसे के बाद भी चंदनोत्सव के धार्मिक कार्यक्रमों को रोका नहीं गया। मंदिर प्रशासन ने 300 रुपये के टिकट वाले मार्ग को वैकल्पिक रास्ते पर शिफ्ट किया, ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, चंदनोत्सव में इस वर्ष करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी। घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है।
क्या है चंदनोत्सव?
चंदनोत्सव (Chandanotsavam) विशाखापत्तनम के सिम्हाचलम मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक पर्व है। इस दिन भगवान वराहालक्ष्मी नरसिंह स्वामी की मूर्ति से चंदन की परत हटाई जाती है और श्रद्धालु उनके ‘निजरूप’ के दर्शन करते हैं। यह अवसर इतना पावन माना जाता है कि देशभर से लाखों श्रद्धालु इस दिन दर्शन हेतु पहुंचते हैं।