Friday, June 20, 2025
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विले पार्ले में जैन मंदिर तोड़े जाने पर जैन समाज में आक्रोश, साइलेंट मार्च में उमड़ा जनसैलाब

बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ भाजपा विधायक और मंत्री भी सड़कों पर उतरे

मुंबई: मुंबई के विले पार्ले में स्थित 90 वर्ष पुराने एक दिगंबर जैन मंदिर को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा 16 अप्रैल को तोड़े जाने की कार्रवाई ने जैन समाज में तीव्र रोष फैला दिया है। इस विवादास्पद तोड़क कार्रवाई के खिलाफ आज 19 अप्रैल को जैन समाज द्वारा एक साइलेंट मार्च आयोजित किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए।

यह मौन रैली विले पार्ले रेलवे स्टेशन से बीएमसी के-पूर्व वार्ड कार्यालय तक निकाली गई। इस आंदोलन की विशेष बात यह रही कि इसमें बीजेपी सरकार के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, विधायक पराग अलवणी और मुरजी पाटिल सहित कई राजनेता भी शामिल हुए।

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सरकार के खिलाफ खड़े हुए सत्ताधारी विधायक और मंत्री

इस आंदोलन में शामिल विधायक मुरजी पाटिल ने कहा,

“हम इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। बीएमसी अधिकारियों ने होटल मालिक के साथ मिलीभगत कर यह कार्रवाई की है। हम खुद सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक हैं, लेकिन यह व्यवहार अस्वीकार्य है। दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। हम इस मुद्दे को लेकर कल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलेंगे।”

वहीं, गार्जियन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे, लेकिन जब पत्रकारों ने यह पूछा कि खुद की सरकार होते हुए भी यह स्थिति क्यों बनी, तो वे चुप्पी साध गए।

क्या है पूरा मामला?

विले पार्ले क्षेत्र में स्थित एक जैन सोसाइटी में लगभग 30 साल पहले एक जैन मंदिर का निर्माण किया गया था। इस सोसाइटी से सटे राधा-कृष्ण होटल के मालिक ने कुछ वर्ष पूर्व बीएमसी में शिकायत दर्ज कराई थी कि यह मंदिर अवैध रूप से बना है।

इस शिकायत के आधार पर बीएमसी ने तोड़क कार्रवाई का आदेश दिया। इसके विरुद्ध सोसाइटी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर 15 अप्रैल तक स्थगन आदेश (Stay Order) जारी किया था।

लेकिन जैसे ही स्टे ऑर्डर की मियाद 15 अप्रैल को समाप्त हुई, अगली ही सुबह यानी 16 अप्रैल को बीएमसी अधिकारी बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंचे और तड़के सुबह मंदिर को ढहा दिया

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जैन समाज का आरोप है कि उन्होंने उसी दिन स्टे ऑर्डर को आगे बढ़ाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर करने की योजना बनाई थी, लेकिन बीएमसी अधिकारियों ने जानबूझकर जल्दबाजी में कार्रवाई की।

मुख्यमंत्री को दी गई जानकारी, कार्रवाई की मांग तेज

इस विवाद के बाद जैन समाज ने राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी इस पूरे प्रकरण की जानकारी दी है। समाज की मांग है कि मंदिर तोड़ने के आदेश देने वाले बीएमसी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और मामले की न्यायिक जांच कराई जाए।

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