हूती कौन हैं: तुर्किए से भारत आ रहे एक जहाज को ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने हाइजैक कर लिया. इस शिप में कुल 25 क्रू मेंबर्स मौजूद थे. इनमें यूक्रेन, बुल्गारिया, फिलिपिंस और मैक्सिको के अलावा कई अन्य देशों के लोग शामिल हैं. इस जहाज की हाइजैकिंग के लिए इजरायल ने सीधे तौर पर ईरान को जिम्मेदार ठहराया है.
जहाज को हाइजैक करने वाले हूती का संबंध है यमन से है. यह एक इस्लामिक देश है, जिसमें शिया और सुन्नी दोनों रहते हैं. यमन में करीब 60 फीसदी आबादी सुन्नी मुसलमानों की है, जबकि शिया की आबादी करीब 35 फीसदी. यमन में लंबे समय से शिया और सुन्नियों के बीच संघर्ष चला आ रहा है. ऐसे में शियाओं की आवाज को मुखर करने के लिए 1990 के दशक में शिया मुस्लिमों ने एक विद्रोही संगठन बनाया, जिसे हउसी या हूती कहते हैं.
यमन सरकार के खिलाफ लड़ाई
हुसैन बदरुद्दीन अल-हूती के नेतृत्व में इस संगठन ने तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह और यमन सरकार के खिलाफ लड़ाई की. हालांकि, साल 2004 में यमन की सेना ने हुसैन बदरुद्दीन अल हूती को मार गिराया. बदरुद्दीन की मौत के 10 साल के अंदर यह संगठन इतना मजबूत हो गया कि इसने साल 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और तब से वहां हूती विद्रोहियों का ही कब्जा है.
हूती की मदद करता है ईरान
अब चूंकि हूती शिया मुस्लिम हैं तो उनका झुकाव ईरान की तरफ ज्यादा है. गौरतलब है कि ईरान मध्य एशिया का एक ताकतवर देश है, जो हूती की मदद करता है. वहीं, सऊदी अरब सुन्नी बहुल है. ऐसे में वह हूती की मुखालफत करता है. यही वजह है कि यमन ने जो चल रहा है और जिसके एक छोर पर शिया हूती विद्रोही तो दूसरे छोर पर सुन्नी बहुल लोग हैं.
हूती विद्रोहियों हाइजैक किया जहाज
माना जा रहा है कि इन्हीं हूती विद्रोहियों ने तुर्किए से भारत आ रहे एक कार्गो शिप को यमन के पास लाल सागर में हाइजैक कर लिया. इस जहाज का नाम गैलेक्सी लीडर है, जिसपर हेलिकॉप्टर के जरिए हूती विद्रोही उतरे और उसे हाइजैक कर यमन की सीमा में ले गए.
इन हूती विद्रोहियों को लगा था कि गैलेक्सी लीडर कार्गो शिप का संबंध इज़रायल से है, जिसने हमास के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. बता दें कि इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में हूती हमास का समर्थन कर रहा है. हूती ने ऐलान किया है कि वह लाल सागर से गुजरने वाले इजरायली जहाजों को निशाना बनाता रहेगा.
ब्रिटिश कंपनी का है कार्गो शिप
इस बीच इजरायली सेना ने एक बयान जारी कर साफ कर दिया है कि गैलेक्सी लीडर कार्गो शिप का इजरायल से कोई लेना-देना नहीं है. डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक गैलेक्सी लीडर पर बहामास का झंडा लगा हुआ है. जहाज की मालिक एक ब्रिटिश कंपनी है और इसमें इजरायल की एक कंपनी अब्राहम अनगर का भी हिस्सा है, जिसने एक जापानी कंपनी को यह जहाज लीज पर दे रखा है.
अब जबकि यह साफ हो गया है कि इस जहाज का इजरायल से कोई लेना-देना नहीं है, तब भी हूती विद्रोहियों ने इसे बंधनमुक्त नहीं किया है. इसे लेकर इजरायल ने बयान भी जारी किया है और कहा है कि यह हाइजैकिंग ईरान के इशारे पर हुई है, जो एक आतंकवादी कृत्य है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सीधा-सीधा उल्लंघन है.
हालांकि तुर्किए से भारत आ रहे इस जहाज में क्या-क्या था ये अभी साफ नहीं हो पाया है. और न ही भारत की ओर से इसपर अभी तक कोई प्रतिक्रिया आई है.
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