लखनऊ, उत्तर प्रदेश: शनिवार को लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर में स्थित हरमिलाप कांप्लेक्स के ढहने से एक बड़ा हादसा हुआ। यह तीन मंजिला इमारत दोपहर करीब 3:00 बजे अचानक बारिश के दौरान भरभरा कर गिर गई। इमारत में दवा और इंजन आयल की कंपनियों के चार गोदाम थे, जहां 30 से अधिक लोग काम कर रहे थे। इस दर्दनाक घटना में जसमीत साहनी सहित आठ लोगों की जान चली गई और 22 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
राहत एवं बचाव कार्य देर रात तक चलता रहा, जिसमें पुलिस, दमकल विभाग, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें शामिल थीं। कटर मशीनों की मदद से मलबा हटाकर फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। प्रशासन ने आशंका जताई है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।
इमारत गिरने का कारण अभी स्पष्ट नहीं
अभी तक इमारत ढहने की सटीक वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। ट्रांसपोर्टनगर व्यापार मंडल और वेयरहाउस एसोसिएशन के प्रवक्ता राजनरायण सिंह ने दावा किया कि बारिश के कारण जलभराव से इमारत की नींव कमजोर हो गई थी, जिसकी शिकायत कई बार की गई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
घटना के समय इमारत में मौजूद दीपक कुमार, जो एक दवा कंपनी में काम करते थे, ने बताया कि उन्होंने अचानक इमारत के एक पिलर को धंसते हुए देखा, जिसके कारण पूरी इमारत झुकने लगी। उन्होंने तुरंत चीखते हुए लोगों को बाहर निकलने के लिए कहा, लेकिन इससे पहले कि कोई बाहर आ पाता, इमारत गिर गई।
ट्रक की टक्कर की आशंका भी व्यक्त
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना से एक घंटे पहले ही एक पिलर से प्लास्टर टूटकर गिरा था। कुछ लोग इसे इमारत के पिलर पर ट्रक की टक्कर से जोड़कर भी देख रहे हैं। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि घटना की जांच चल रही है और जल्द ही इमारत गिरने के वास्तविक कारण का पता चलेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्रवर्तन सेल के प्रभारी अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि यह इमारत कुमकुम सिंघल की थी, जिसका नक्शा 31 अगस्त 2010 को पास हुआ था।
मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री ने जताया शोक
हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश को मौके पर भेजा गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
हादसे में जान गंवाने वाले लोग
- जसमीत साहनी (38 वर्ष)
- पंकज तिवारी (40 वर्ष)
- धीरज गुप्ता (48 वर्ष)
- राजकिशोर (27 वर्ष)
- अरुण सोनकर (28 वर्ष)
- जगरूप (24 वर्ष)
- रुद्र यादव (30 वर्ष)
- राकेश (32 वर्ष)
राहत एवं बचाव कार्य जारी
हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य जारी है। प्रशासन का कहना है कि मलबे में दबे अन्य लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को मलबा हटाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है, जबकि स्थानीय लोग भी मदद में जुटे हुए हैं।