नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में यह दावा किया कि केंद्र सरकार एक नया टैक्स स्लैब पेश करने की योजना बना रही है, जिसके कारण जनता की जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ेंगी, वहीं पूंजीपतियों को राहत मिलेगी।
राहुल गांधी ने इस पोस्ट में लिखा, “अभी शादियों का सीजन चल रहा है। लोग कब से पाई-पाई जोड़कर पैसे इकट्ठा कर रहे होंगे, लेकिन सरकार 1500 रुपए से ऊपर के कपड़ों पर GST 12% से बढ़ाकर 18% करने जा रही है। यह घोर अन्याय है।” उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार अपनी टैक्स नीति से आम जनता के बजाय बड़े व्यवसायियों और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है।
“सरकार पूंजीपतियों का कर्ज माफ कर रही है”
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे “गब्बर सिंह टैक्स” करार दिया। उन्होंने कहा, “सरकार पूंजीपतियों का कर्ज माफ कर रही है, जबकि गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों की मेहनत की कमाई लूटी जा रही है। हमारी लड़ाई इस अन्याय के खिलाफ है।”
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कुछ ग्राफिक्स और आंकड़े भी साझा किए, जो उन्होंने सरकार की नीतियों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए शेयर किए। उन्होंने बताया कि रुपये का मूल्य 84.50 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है और बेरोजगारी पिछले 45 सालों के उच्चतम स्तर पर है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कॉर्पोरेट टैक्स का हिस्सा पिछले 10 सालों में 7% घट चुका है, जबकि इनकम टैक्स 11% बढ़ा है।
महंगाई और घटती बिक्री पर राहुल गांधी की चिंता
राहुल गांधी ने महंगाई पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.21% हो गई है, जो पिछले 14 महीनों में सबसे उच्चतम स्तर है। आलू और प्याज की कीमतों में पिछले साल अक्टूबर की तुलना में लगभग 50% का इजाफा हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि सस्ते घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी घटकर लगभग 22% रह गई है, जो पिछले साल 38% थी।
भारत की GDP ग्रोथ रेट पर राहुल गांधी का हमला
राहुल गांधी ने 1 दिसंबर को भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, “भारत की GDP ग्रोथ रेट दो सालों में सबसे नीचे 5.4% पर आ गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था तब तक तरक्की नहीं कर सकती, जब तक इसका फायदा सिर्फ गिने-चुने अरबपतियों को मिल रहा है।”