संभल, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के संभल में हुए बवाल के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने संभल जाने की कोशिश की। लेकिन प्रशासन ने उनके काफिले को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई।
समाजवादी पार्टी का आरोप: भाजपा के इशारे पर काम कर रहा प्रशासन
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “यह घटना भाजपा के इशारे पर हुई है। किसी भी पार्टी के नेता को संभल जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। प्रशासन की भाषा और व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। भाजपा सरकार पुलिस का इस्तेमाल न्याय देने के बजाय लोगों को फंसाने के लिए कर रही है।”
समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने भी प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “प्रशासन सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल को वहां नहीं जाने दिया जा रहा ताकि सच्चाई सामने न आए।”
#WATCH | Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi along with other Congress leaders at the Ghazipur border where they have been stopped by Police on the way to violence-hit Sambhal. pic.twitter.com/7CtJOFUlnq
— ANI (@ANI) December 4, 2024
कांग्रेस का विरोध: विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार हमें रोककर क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? विपक्ष के नेताओं का अधिकार है कि वे घटनास्थल पर जाकर सच्चाई जानें। राहुल गांधी जरूर संभल जाएंगे और पीड़ितों की आवाज उठाएंगे।”
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुआ था बवाल
करीब दस दिन पहले, जामा मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं और बाहरी लोगों के संभल आने पर रोक लगा दी।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि जिले की सीमाओं को सील कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। 10 दिसंबर तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को संभल में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
कांग्रेस नेताओं का अचानक संभल पहुंचना
प्रशासन की रोक के बावजूद मंगलवार को कुछ कांग्रेस नेता संभल पहुंच गए। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर हालचाल जाना। इस दौरान पुलिस और खुफिया विभाग को इसकी जानकारी नहीं हो सकी।
सुरक्षा व्यवस्था और पाबंदियां बढ़ाई गईं
शहर में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पाबंदियां 30 नवंबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर तक कर दी हैं। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है और बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।