मणिपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है। यह विधेयक पिछले सप्ताह लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पारित हुआ था, लेकिन इसके पारित होते ही देश के कई हिस्सों में विरोध और असंतोष की लहर देखने को मिल रही है।

मणिपुर में असकर अली के घर पर हमला
इस अधिनियम के समर्थन में सोशल मीडिया पर बयान देने वाले भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा, मणिपुर इकाई के अध्यक्ष असकर अली के घर पर रविवार रात को हिंसक हमला हुआ। थौबल जिले के लिलोंग क्षेत्र में हुई इस घटना में गुस्साई भीड़ ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया।
अधिकारियों के अनुसार, रात लगभग 9 बजे भीड़ ने असकर अली के घर के बाहर इकट्ठा होकर तोड़फोड़ की और फिर आगजनी की। हमले के बाद अली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए अपने पहले के बयान के लिए माफी मांगी और इस कानून के प्रति विरोध दर्ज कराया।
BJP Minority Morcha's Manipur president, Asker Ali resident was set on fire by a mob on Sunday night allegedly for supporting the Waqf Amendment Act. The incident happened at Lilong in Thoubal district. Ali had expressed his support for the Act on social media on Saturday. pic.twitter.com/vW2XR3ZdU1
— Jon Suante (@jon_suante) April 6, 2025
इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शन
इस घटना से पहले, रविवार को ही इंफाल घाटी के कई क्षेत्रों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए। पांच हजार से अधिक लोगों ने एक विरोध रैली में हिस्सा लिया, जिसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग-102 (NH-102) पर यातायात घंटों तक बाधित रहा।

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सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर
इस अधिनियम को संविधान के खिलाफ बताते हुए विभिन्न मुस्लिम संगठनों, सांसदों और सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं। इनमें शामिल हैं:
- जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम)
- कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद
- AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी
- आप विधायक अमानतुल्लाह खान
- NGO ‘एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’
इन याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता को बाधित करता है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ है।