नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी महाकुंभ में संगम स्नान करने की तैयारी कर रहे हैं। उनके साथ प्रियंका गांधी वाड्रा के भी महाकुंभ में डुबकी लगाने की चर्चा है। यह पहला मौका होगा जब राहुल गांधी कुंभ स्नान करेंगे, जबकि प्रियंका गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी इससे पहले भी कुंभ में स्नान कर चुकी हैं। कांग्रेस ने इस आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। संगम तट के सेक्टर-15 में तुलसी मार्ग पर कांग्रेस सेवा दल द्वारा एक सेवा शिविर भी लगाया गया है, जहां राहुल और प्रियंका कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।
राम मंदिर उद्घाटन का बहिष्कार और महाकुंभ में भागीदारी
जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने बहिष्कार किया था। ममता बनर्जी की पहल पर गठबंधन के सभी नेताओं ने भाजपा के आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था। हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने इससे अलग रुख अपनाया और बाद में अपने परिवार के साथ अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन किए। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी राम मंदिर उद्घाटन समारोह के तुरंत बाद किसी अन्य दिन अयोध्या जाने की बात कही थी।

अब जबकि राहुल गांधी महाकुंभ में स्नान की तैयारी कर रहे हैं, इसे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। उनका यह दौरा एक धार्मिक आस्था का हिस्सा तो है ही, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि महाकुंभ में कांग्रेस की भागीदारी कोई नई बात नहीं है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय राय ने कहा, “कांग्रेस के नेता हमेशा से कुंभ में जाते रहे हैं। प्रियंका गांधी पहले भी कुंभ में स्नान कर चुकी हैं और इस बार राहुल गांधी भी संगम स्नान करेंगे।”
भाजपा का तीखा प्रहार और राहुल गांधी पर तंज
राहुल गांधी के इस फैसले पर भाजपा ने कटाक्ष किया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने टिप्पणी करते हुए कहा, “ईश्वर उन्हें सद्भावना दे। राहुल गांधी महाकुंभ में स्नान कर आएं, शायद इससे उनका वंश आगे बढ़ जाए।” उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि कुंभ स्नान के बाद कांग्रेस को नया वारिस मिल सकता है।
भाजपा के अन्य नेताओं ने राहुल गांधी के कुंभ स्नान को “राजनीतिक नौटंकी” बताया और इसे आगामी चुनावों के मद्देनजर एक रणनीतिक कदम करार दिया। पार्टी के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस नेता वोट बैंक की राजनीति के चलते यह धार्मिक यात्रा कर रहे हैं।

महाकुंभ और राजनीति का मेल
महाकुंभ, जिसे हिंदू धर्म का सबसे पवित्र स्नान पर्व माना जाता है, राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है। भाजपा, जो हिंदुत्व की राजनीति का प्रमुख चेहरा रही है, महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं की भागीदारी को अपने एजेंडे के खिलाफ एक चुनौती के रूप में देख रही है। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि वह महाकुंभ में केवल आस्था और जनसंपर्क के लिए जा रही है।
राहुल गांधी के महाकुंभ जाने के कार्यक्रम को लेकर यह भी चर्चा है कि वे मौनी अमावस्या के दौरान प्रयागराज में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों से भी मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने पहले ही पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है और संभव है कि राहुल गांधी भी उनके प्रति संवेदना प्रकट करें।