नई दिल्ली: राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान पर चर्चा का उत्तर दिया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र पाताल से भी गहरा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत और लिखित संविधान है, जिसे जनता के सुझावों के लिए प्रस्तुत किया गया था।
संविधान की विशेषताओं पर प्रकाश
अमित शाह ने कहा, “हमारा संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत और लिखित संविधान है। इसे तैयार करने के लिए दो साल और अठारह महीने तक विस्तृत चर्चा हुई। शायद ही दुनिया का कोई अन्य संविधान होगा जिसे देश की जनता के सुझावों के लिए प्रस्तुत किया गया हो।” उन्होंने इस चर्चा को देश के युवाओं के लिए शिक्षाप्रद बताया और कहा कि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि किस पार्टी ने संविधान का सम्मान किया है और किसने नहीं।
आर्थिक स्वतंत्रता पर जोर
गृहमंत्री ने कहा, “हमारे देश की जनता और हमारे संविधान ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो कहते थे कि हम कभी आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो पाएंगे। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हमने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है।” उन्होंने महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की भविष्यवाणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत अपनी ओजस्वी छवि में दुनिया के सामने खड़ा है।
संविधान संशोधन पर भाजपा और कांग्रेस की तुलना
अमित शाह ने कहा कि भाजपा ने 16 साल तक शासन किया और संविधान में 22 संशोधन किए, जबकि कांग्रेस ने 55 साल तक शासन करते हुए 77 संशोधन किए। उन्होंने कहा, “संविधान संशोधन के पीछे के उद्देश्यों की जांच करके किसी पार्टी के चरित्र और इरादों को समझा जा सकता है।” उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के वक्तव्य को उद्धृत करते हुए कहा कि संविधान को चलाने वालों की भूमिका से ही उसकी सफलता या असफलता तय होती है।
संविधान में परिवर्तन की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया। समय के साथ देश, कानून, और समाज में बदलाव आवश्यक है। उन्होंने आर्टिकल 368 का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान में संशोधन की प्रक्रिया पहले से ही निहित है। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 54 वर्ष की उम्र में अपने आप को युवा बताने वाले नेता संविधान बदलने की बात करते हैं, जबकि संविधान में ही इसे बदलने का प्रावधान मौजूद है।
कांग्रेस पर तीखा हमला
गृहमंत्री ने कहा कि हाल के चुनावों में संविधान लहराने का दृश्य देखने को मिला, जो दुर्लभ था। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संविधान का उपयोग जनता को बहकाने के लिए किया। शाह ने कहा, “संविधान लहराना और झूठ बोलना कुत्सित प्रयास हैं। संविधान श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है।”
‘मोहब्बत की दुकान’ पर प्रतिक्रिया
कांग्रेस के नेतृत्व पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, “हर गांव में मोहब्बत की दुकान खोलने का दावा करने वाले नेताओं के भाषण हमने सुने हैं। मोहब्बत कोई प्रचार की चीज नहीं है, यह दिल से महसूस कराने का जज्बा है।”