जयपुर, 27 जुलाई 2024: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अग्निवीरों को पुलिस, जेल प्रहरी, और वन रक्षक भर्ती में आरक्षण देगी। मुख्यमंत्री ने करगिल दिवस पर शहीदों को नमन करते हुए कहा, “हम उन बहादुर शहीदों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी। हम ऐसे अग्निवीरों को राज्य में सेवा का अवसर प्रदान करेंगे, ताकि वे सेना से लौटकर आगे अपने कौशल का उपयोग कर सकें।”
पाँच और राज्यों ने दी आरक्षण की घोषणा
राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, और छत्तीसगढ़ ने भी 26 जुलाई को अग्निवीरों को राज्य पुलिस में आरक्षण देने की घोषणा की है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, और सीआईएसएफ में अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने का ऐलान किया था। हरियाणा और उत्तराखंड सरकार भी पहले ही अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा कर चुकी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल: अग्निवीर योजना
मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अग्निपथ योजना की सराहना करते हुए कहा, “देश के प्रधानमंत्री ने समय, समर्पण और ईमानदारी से काम करने वाले युवाओं को अग्निवीर योजना के माध्यम से एक नया अवसर दिया है।” मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी अग्निवीरों के लिए राज्य पुलिस और वन रक्षक भर्ती में आरक्षण की बात कही है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अग्निवीरों के लिए पुलिस सेवा में 10% आरक्षण और आयु सीमा में 5 साल की छूट देने का ऐलान किया है।
विपक्ष की मांग: अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार
वहीं, अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच मतभेद जारी हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस योजना को बंद करने की मांग की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा है कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है, तो वह इस योजना को समाप्त कर देगा।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना सरकार द्वारा 2022 में शुरू की गई थी, जिसके तहत आर्मी, नेवी, और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। चार साल की सेवा के बाद, अग्निवीरों की कार्यक्षमता के आधार पर 25% को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा, जबकि बाकी अग्निवीर सिविल जीवन में लौट आएंगे। इस योजना में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होती है और वे “पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक” (PBOR) के तौर पर सेवा करते हैं। अग्निवीर बनने के लिए 17.5 से 21 साल की आयु और कम से कम 10वीं पास होना आवश्यक है।