Tuesday, July 1, 2025
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राजस्थान के डिप्टी सीएम के बेटे का चालान: नाबालिग, बिना सीट बेल्ट के जीप चलाने पर पुलिस की कार्रवाई

जयपुर, राजस्थान: राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद्र बैरवा के लिए एक नई परेशानी खड़ी हो गई है, जब उनके बेटे पर बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाते हुए रील बनाने के आरोप में पुलिस ने कार्रवाई की। डिप्टी सीएम के बेटे का पुलिस ने 7000 रुपये का चालान काटा है, जिससे यह मामला सुर्खियों में आ गया है।

पुलिस का कड़ा कदम

पुलिस के अनुसार, डिप्टी सीएम का बेटा नाबालिग है और वह बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चला रहा था। इस दौरान उसने गाड़ी चलाते हुए मोबाइल फोन का उपयोग कर रील बनाई, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। राजस्थान पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 7000 रुपये का चालान उनके घर भेजा है। यह चालान सीट बेल्ट न पहनने, खतरनाक ड्राइविंग और बिना अनुमति गाड़ी में मॉडिफिकेशन करने के लिए जारी किया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डिप्टी सीएम के बेटे और उसके दोस्त का कार चलाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। वीडियो में देखा जा सकता है कि बिना सीट बेल्ट लगाए गाड़ी चलाते हुए वह रील बना रहा था। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चालान जारी किया और मामले की गंभीरता को देखते हुए और अधिक कार्रवाई की जा रही है।

डिप्टी सीएम का बचाव

अपने बेटे का बचाव करते हुए डिप्टी सीएम प्रेमचंद्र बैरवा ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, “मैं भाग्यशाली हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे डिप्टी सीएम बनाया है। कुछ बाहरी लोग मेरे बेटे को अपनी गाड़ी में बिठाते हैं और उसे अच्छी गाड़ी देखने का मौका मिलता है। मेरा बेटा निर्दोष है और उसने किसी भी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।”

विडियो देखें:

जुर्माने का विवरण

राजस्थान पुलिस ने तीन प्रमुख आरोपों में चालान जारी किया है:

  • बिना अनुमति गाड़ी में मॉडिफिकेशन के लिए 5000 रुपये।
  • सीट बेल्ट न पहनने के लिए 1000 रुपये।
  • खतरनाक ड्राइविंग के लिए 1000 रुपये।

इस प्रकार, कुल 7000 रुपये का चालान काटा गया है, जो सीधे डिप्टी सीएम के घर भेजा गया है।

क्या कहता है कानून?

मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार, अगर कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके माता-पिता के खिलाफ 25,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही नाबालिग पर 25 साल की उम्र तक वाहन चलाने पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। इस मामले में भी यदि जांच में पुष्टि होती है कि डिप्टी सीएम का बेटा नाबालिग था, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

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