माले, 13 मई 2024: मालदीव ने हाल ही में भारतीय सैनिकों को अपने देश से वापस बुला लिया है, जिसके बाद उसे गिफ्ट में मिले भारतीय एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करने में मुश्किलें आ रही हैं।
विमानों का संचालन ठप
मालदीव को भारत सरकार द्वारा दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान उपहार में दिए गए थे। इन विमानों का उपयोग मुख्य रूप से चिकित्सा निकासी और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता था।
लेकिन, भारतीय सैनिकों के वापस जाने के बाद, मालदीव ने इन विमानों को संचालित करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित कर्मियों की कमी का सामना करना पड़ा है।
भारत से मदद की गुहार
इस समस्या का समाधान करने के लिए, मालदीव सरकार ने भारत से तकनीकी प्रशिक्षण कर्मचारियों को भेजने का अनुरोध किया है।
मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मामून ने कहा, “हमारे पास इन विमानों को उड़ाने और बनाए रखने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं। हमने भारत से तकनीकी सहायता मांगी है।”
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने मालदीव की मदद करने की इच्छा व्यक्त की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम मालदीव सरकार को उनकी आवश्यकताओं में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम तकनीकी प्रशिक्षण कर्मचारियों को भेजने सहित सभी संभावित विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।”
मालदीव-भारत संबंध
मालदीव और भारत के बीच संबंध मजबूत रहे हैं। भारत ने मालदीव को कई क्षेत्रों में सहायता प्रदान की है, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं।
हालांकि, हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ तनाव देखा गया है।
यह तनाव मुख्य रूप से मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के चीन के साथ बढ़ते संबंधों के कारण है।
निष्कर्ष:
मालदीव द्वारा भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का निर्णय उनके लिए उल्टा पड़ गया है।
अब, वे गिफ्ट में मिले भारतीय एयरक्राफ्ट को संचालित करने में असमर्थ हैं और उन्हें भारत से मदद लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
यह घटना मालदीव और भारत के बीच संबंधों पर भी सवाल खड़े करती है।