झुंझुनूं: मायड़ भाषा राजस्थानी के महत्व को दर्शाती फीचर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बिणजारो की शूटिंग का चौथा और आखिरी शेड्यूल अभी हाल ही में पिंक सिटी जयपुर में फिल्माया गया है। यह फिल्म राजस्थानी भाषा को मान्यता, महत्व और राजस्थानी साहित्य पर आधारित है। जिसमें प्रमुख रूप से वरिष्ठ कवि नागराज शर्मा की साहित्यिक पत्रिका बिणजारो के योगदान को भी शामिल किया गया है। डायरेक्टर अरविन्द चौधरी ने बताया कि फिल्म के विषय को लेकर उनकी टीम पिछले चार साल से शोध कर रही थी।
बिणजारो एक यात्रा फिल्म है और ये फिल्म राजस्थानी भाषा साहित्य और मायड़ भाषा की मान्यता व चुनौती पर दर्शकों से सवांद करेगी। फिल्म में व्यंग्यकार कवि सम्पत सरल, वरिष्ठ लेखक और दूरदर्शन के पूर्व निदेशक नंद भारद्वाज, भरत ओला, कमल रंगा, बुलाकी शर्मा के अलावा नागराज़ शर्मा और उनके साथी लेखकों वरिष्ठ साहित्यकार श्याम जांगीड़ (चिड़ावा) और भागीरथ सिंह भाग्य (बगड़) से भी दर्शक रूबरू होंगे। इन सभी साहित्यकारों का मायड़ भाषा को लेकर लगाव भी फिल्म में देखने को मिलेगा।
डायरेक्टर अरविन्द चौधरी ने बताया कि शूटिंग के चौथे और आखिरी शेड्यूल में मारवाड़ राजवंश के हिज हाईनेस महाराजा गजसिंह साहेब द्वितीय, राजस्थानी भाषा युवा समिति अध्यक्ष राजवीर चालकोई, राजस्थानी रामलीला सूरतगढ़ हनुमानगढ़ से मनोज कुमार स्वामी, कालबेलिया कलाकार गुलाबो, लोक कलाकार शेरा खान तथा सुशील शर्मा व बाल कलाकार जीयाना जैसी राजस्थान की सुप्रसिद्ध शख्सियतों के साक्षात्कार फिल्म में शामिल किये गए हैं। ये सभी हस्तियां अपनी अपनी विधा से राजस्थानी भाषा का प्रचार प्रसार कर रहीं हैं। फिल्म में कठपुतली, घूमर और कालबेलिया नृत्य जैसी राजस्थान की लोक कलाओं को भी दर्शाया गया है। फिल्म पूरी तरह राजस्थानी भाषा में ही फिल्माई गई है लेकिन ग्लोबल रीच के लिए फिल्म के सब टाइटल हिन्दी व अंग्रेजी में होंगे। दुनिया भर में फैले 10 करोड़ से अधिक राजस्थानियों तक मायड़ भाषा की मान्यता के मुद्दे को पहुंचाना इस फिल्म के निर्माण का उद्देश्य है।
भाषा नहीं तो कुछ नहीं: सीमा मिश्रा
राजस्थान की प्रसिद्ध गायिका सीमा मिश्रा ने इस विषय पर कहा कि राजस्थानी भाषा को सम्मान देने की शुरूआत हमें अपने घर से ही करनी होगी। हम स्वयं अपनी भाषा के महत्व को भूलते जा रहे हैं, यही वजह है कि आज कि पीढ़ी भी इससे दूर होती जा रही है।
भावठड़ी के हैं फिल्म के डायरेक्टर अरविन्द
फिल्म की टीम को बतौर डायरेक्टर लीड कर रहे अरविन्द चौधरी हरियाणा की पंडित लखमीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एण्ड विजुअल आर्ट्स विश्व विद्यालय के फिल्म विभाग के छात्र हैं। आपको बता दें कि डायरेक्टर अरविन्द चौधरी मूल रूप से झुंझुनू जिले के भावठड़ी गांव के ही निवासी हैं। अरविन्द चौधरी इससे पहले कई फिल्मों में अभिनय और प्रोडक्शन कर चुके हैं। सामाजिक मुद्दों को फिल्म के कैनवास पर उतारने में अरविन्द की रुचि है। शेखावाटी क्षेत्र में प्रचलित चूड़ा प्रथा पर उनकी बनाई शॉर्ट फिल्म “हाथ रपिया” को जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023 में बेस्ट शॉर्ट फिल्म का अवॉर्ड मिल चुका है तथा भोपाल चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल में भी यह फिल्म बेस्ट शॉर्ट फिल्म के अलावा बेस्ट फीमेल और मेल एक्टर अवॉर्ड कैटेगरी में नॉमिनेट हुई थी। अरविन्द चौधरी की 2 वेब सीरीज भी जल्द ही रिलीज होंगी, जिनकी शूटिंग पूरी हो चुकी हैं।
दिसम्बर में रिलीज होगी फिल्म
फिल्म के निर्देशक अरविन्द चौधरी ने बताया कि हमारी टीम लम्बे समय से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। फिलहाल इसकी एडिटिंग पर काम चल रहा है। भाषा के महत्व को दर्शाती यह फिल्म दिसम्बर तक राजस्थान में रिलीज होगी।
इन स्थानों पर हुई बिणजारो की शूटिंग
फिल्म की शूटिंग जयपुर, जोधपुर, झुंझुनू , पिलानी, मंडावा चिड़ावा, बगड़ सहित राजस्थान की की अन्य लोकेशन पर की गई है। आपको बता दें कि कवि नागराज शर्मा (पिलानी) ने अपने संपादन में बिणजारो साहित्यिक पत्रिका के अब तक 43 वार्षिक अंक प्रकाशित किए हैं।
ये है डॉक्यूमेंट्री फिल्म बिणजारो की टीम
लेखन व शोध : अरविन्द चौधरी
सिनेमेटोग्राफर : प्रमेन्द्र सिंह
ओडियोग्राफर : गौरव गौतम व तन्मय
एडिटर : दुपिंदर कौर
प्रोडेक्शन : आर्यन व कुलदीप सिंह