नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 2025 इस बार ऑपरेशन सिंदूर, बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण विवाद और लगातार विपक्ष के हंगामे की वजह से सुर्खियों में रहा। लेकिन भारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। खासकर कराधान कानून, मर्चेंट शिपिंग विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन बिल पर संसद की सहमति बनी।
मानसून सत्र की शुरुआत और हंगामा
21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर पर जोरदार चर्चा हुई। उसके बाद बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष ने तीखा विरोध दर्ज कराया। लगातार हंगामे की वजह से राज्यसभा में एक भी दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल सामान्य रूप से नहीं चल सका।
लोकसभा में पास हुए अहम विधेयक
लोकसभा में कई अहम बिल पारित हुए जिनमें गोवा अनुसूचित जनजातियों के विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्समायोजन, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025, मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन), मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) और आयकर विधेयक प्रमुख रहे। इसके साथ ही भारतीय बंदरगाह विधेयक, खनिज एवं खनिज विकास संशोधन विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक और ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक भी पारित किए गए।
राज्यसभा की कार्यवाही और विधेयक
भारी हंगामे के बावजूद राज्यसभा में भी महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए। इनमें वहन-पत्र विधेयक 2025, समुद्री मालवाहन विधेयक, तटीय शिपिंग विधेयक, मणिपुर GST संशोधन, गोवा अनुसूचित जनजाति पुनर्समायोजन, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, कराधान कानून संशोधन, आयकर विधेयक, भारतीय बंदरगाह संशोधन, खनिज एवं खनिज विकास संशोधन, भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन और ऑनलाइन खेल विनियमन विधेयक शामिल रहे।
हंगामे के बीच विधायी कामकाज
भले ही सत्र के अधिकांश दिन विपक्ष के शोर-शराबे में गुज़रे हों, लेकिन सरकार ने अहम विधेयकों को पास कराने में सफलता हासिल की। विशेषज्ञ मानते हैं कि संसद का यह सत्र राजनीतिक टकराव और विधायी कार्य दोनों के लिहाज से बेहद अहम साबित हुआ।