माउंट एवरेस्ट पर जाम: दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 21 मई को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जब एक साथ 200 पर्वतारोही 8,790 मीटर की ऊंचाई पर साउथ समिट और हिलेरी स्टेप पर पहुंच गए। इस भीड़ के कारण बर्फ का एक हिस्सा टूट गया, जिसके परिणामस्वरूप छह पर्वतारोही फंस गए। इनमें से चार लोग रस्सी के सहारे वापस ऊपर आने में कामयाब रहे, जबकि दो पर्वतारोही (एक ब्रिटिश और एक नेपाली) हजारों फीट नीचे गिरकर बर्फ में दब गए।
चार दिन से चल रहा सर्च ऑपरेशन, बचने की उम्मीदें बेहद कम
नेपाल के टूरिज्म अधिकारियों ने बताया कि घटना के वक्त 15 पर्वतारोहियों का एक ग्रुप एवरेस्ट की चढ़ाई कर रहा था। बर्फ का हिस्सा टूटने के कारण वे साउथ समिट की तरफ गिरे, जिसे पहाड़ी का डेथ जोन कहा जाता है। यहां ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम होता है, जिससे जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। घटना का वीडियो अब सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि दोनों पर्वतारोही बर्फ में फंसे हुए हैं। चार दिन से जारी सर्च ऑपरेशन के बावजूद अब उनके बचने की उम्मीद बेहद कम है।
एडवेंचर कंपनी 8K एक्सपेडीशन्स ने कहा कि बचावकर्मी लगातार दोनों पर्वतारोहियों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाली कंपनी ने बताया कि बर्फ का टुकड़ा हिलेरी स्टेप से गिरा था, जो चोटी के पास बर्फ का एक वर्टिकल हिस्सा है। यहां से दोनों पर्वतारोही तिब्बत की तरफ गिरे।
Everest; the highest, the dirtiest and the most controversial place on Earth.
— The Northerner (@northerner_the) May 25, 2024
Humans bypassing corpses, leaving people dying, ignoring help cries, making it dirtiest place with pollution & human wastes ; all for the glory of summit.
When will it stop?! #StopCommercialAlpinism pic.twitter.com/Yahobk9c5F
पर्वतारोहियों की भीड़ और सीमित समय
21 मई को सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए विंडो खोली गई थी। सभी पर्वतारोही चोटी पर पहुंचने की होड़ में थे। चोटी पर हर पर्वतारोही को सिर्फ दो मिनट के लिए रुकने की ही इजाजत मिली। आमतौर पर एवरेस्ट की चोटी पर पर्वतारोहियों को रुकने के लिए करीब 10 मिनट का समय दिया जाता है, लेकिन इस बार भीड़ के कारण यह समय और कम कर दिया गया। इसके तीन मुख्य कारण हैं:
- कई पर्वतारोही कतार में रहते हैं।
- यहां मौसम कभी भी खराब हो सकता है, बर्फ का तूफान आने की आशंका रहती है।
- अधिक ऊंचाई होने के कारण यहां ऑक्सीजन की कमी होती है। पर्वतारोही बैकपैक वाले ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई पर निर्भर रहते हैं और इसी सप्लाई पर उन्हें लौटना भी होता है।
इस साल एवरेस्ट पर रिकॉर्ड 419 पर्वतारोही, 29 भारतीय
बेस कैंप के चीफ खीम लाल गौतम के मुताबिक, इस साल रिकॉर्ड 419 पर्वतारोहियों को परमिट दिया गया, जिनमें 343 पुरुष और 76 महिलाएं शामिल हैं। इस बार 62 देशों के पर्वतारोहियों के 43 अभियानों का आयोजन हुआ। जून के पहले सप्ताह में साल का अभियान समाप्त हो जाएगा। भारत के 29 पर्वतारोहियों ने इस बार एवरेस्ट की चढ़ाई को पूरा किया। नेपाल पर्यटन विभाग के मुताबिक पर्वतारोहियों के अलावा 181 शेरपा भी एवरेस्ट के अलग-अलग अभियानों में शामिल रहे।