Wednesday, June 18, 2025
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महाकुंभ 2025: द्रौपदी मुर्मू, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के स्नान की तारीखें घोषित

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह उमड़ रहा है। पवित्र संगम तट पर आस्था और श्रद्धा का महापर्व अपने चरम पर है। इस महाकुंभ में विभिन्न धर्मगुरुओं, साधु-संतों और आम श्रद्धालुओं की भागीदारी देखने को मिल रही है। वहीं, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को इस महाकुंभ में शामिल होंगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 1 फरवरी को महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

महाकुंभ में शामिल होंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी इस ऐतिहासिक महाकुंभ का हिस्सा बनने जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक, वह 10 फरवरी को प्रयागराज में पहुंचेंगी।

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गृह मंत्री अमित शाह की शिरकत

27 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह महाकुंभ में शामिल होंगे। उनका कार्यक्रम जारी हो चुका है, जिसमें संगम स्नान, गंगा पूजन और अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक शामिल है। गृह मंत्री के आगमन के मद्देनजर यूपी पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं।

महाकुंभ 2025: 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान

महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान करने का अनुमान है। इतने बड़े आयोजन में श्रद्धालुओं की गिनती एक जटिल प्रक्रिया है। इसे केवल अनुमान मानना गलत होगा। वर्तमान में तकनीकी और हाईटेक उपकरणों का उपयोग कर लोगों की सटीक गिनती की जा रही है।

भीड़ की गिनती के लिए AI आधारित तकनीक का उपयोग

महाकुंभ 2025 की विशेषता यह है कि 144 वर्षों के बाद 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं, जिससे इसे महाकुंभ का नाम दिया गया है। पहले की तुलना में अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है।

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सरकार ने भीड़ का आकलन करने के लिए एक विशेष टीम ‘क्राउड असेसमेंट टीम’ बनाई है। यह टीम रियल टाइम आधार पर श्रद्धालुओं की गिनती कर रही है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित 1,800 कैमरे लगाए गए हैं, जो चेहरों को स्कैन कर भीड़ के घनत्व और समय के आधार पर लोगों की संख्या का अनुमान लगाते हैं।

ड्रोन और AI कैमरों का व्यापक उपयोग

ड्रोन तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन के माध्यम से एक निश्चित क्षेत्र में भीड़ का घनत्व मापा जाता है। यह तकनीक बताती है कि दिनभर में कितने श्रद्धालु आयोजन में शामिल हुए और कितनों ने पवित्र संगम में स्नान किया।

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