मंड्रेला: कस्बे के वार्ड 25 स्थित श्री बाल लच्छीराम श्रेणी रामलीला में गुरुवार को पांचवे दिन का मंचन हुआ। इस दिन के दृश्यों में भरत मिलाप, केवट प्रसंग, निषादराज प्रसंग, वाल्मीकि प्रसंग और महाराज दशरथ का स्वर्गवास जैसे भावुक और यादगार प्रसंग प्रस्तुत किए गए।
कलाकारों की अद्भुत संवाद अदायगी
मंच पर जब केवट प्रसंग का मंचन हुआ तो कलाकार पवन जांगिड़ और अनिल सिंघल ने अपनी भावपूर्ण संवाद अदायगी और जीवंत अभिनय से दर्शकों की आंखों को नम कर दिया। उनकी प्रस्तुति इतनी वास्तविक लगी कि पंडाल में मौजूद हर दर्शक भाव-विभोर हो उठा।
भरत मिलाप ने दिया भाईचारे का संदेश
रामलीला के मंच पर भरत मिलाप का दृश्य बेहद आत्मीय रहा। भाईचारे और त्याग की इस मिसाल ने रामभक्तों के हृदय को छू लिया। पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट और “जय श्रीराम” के जयकारों से गूंज उठा।
करुणा और धर्मनिष्ठा के संदेश
निषादराज और वाल्मीकि प्रसंग ने करुणा, त्याग और धर्मनिष्ठा का संदेश दिया। वहीं, समापन दृश्य में महाराज दशरथ के स्वर्गवास के दौरान विलाप और वियोग को देखकर कई दर्शक आंसुओं को रोक नहीं पाए।
रामभक्ति से सराबोर हुआ मंड्रेला
श्री बाल लच्छीराम श्रेणी रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन की तरह गुरुवार को भी भारी भीड़ उमड़ी। लोगों ने आयोजन की जमकर सराहना की और कहा कि यह मंचन रामभक्ति और भारतीय संस्कृति की जीवंत झलक है, जो दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ रहा है।