मुंबई, 5 मई 2024: भारत में तैनात सबसे वरिष्ठ अफगान राजनयिक जाकिया वारदाक ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन पर दुबई से भारत लाए गए 25 किलोग्राम सोने की तस्करी का आरोप है। वारदाक पिछले तीन सालों से मुंबई में महावाणिज्य दूत के रूप में कार्यरत थीं और पिछले साल के अंत से वह नई दिल्ली में कार्यवाहक राजदूत भी थीं।
वारदाक ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि “कई तरह के व्यक्तिगत हमलों और मानहानि” के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा है। उन्होंने कहा कि इन आरोपों ने उनकी “प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमता को गंभीर रूप से बाधित” किया है।
सोने की तस्करी का आरोप:
वारदाक को 23 अप्रैल को मुंबई हवाई अड्डे पर तस्करी किए गए सोने के साथ हिरासत में लिया गया था। DRI अधिकारियों को सूचना मिली थी कि वारदाक दुबई से भारी मात्रा में सोना ला रही हैं। जब वह एयरपोर्ट से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थीं, तब उन्हें रोक लिया गया और उनके सामान की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान अधिकारियों को उनके बैग में 25 किलोग्राम सोना मिला, जिसकी कीमत लगभग 2.2 मिलियन डॉलर है।
वारदाक को राजनयिक छूट प्राप्त होने के कारण गिरफ्तार नहीं किया गया था। हालांकि, उनके खिलाफ DRI द्वारा मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
विवादों में घिरी रहीं वारदाक:
वारदाक पिछले साल से ही विवादों में घिरी हुई थीं। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने अफगानिस्तान से काबुल में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद नहीं की थी। इसके अलावा, उन पर वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया गया था।
वारदाक का इस्तीफा भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकता है।