भारत-मालदीव संघर्ष: भारत और मालदीव के बीच जारी विवाद के बीच बांग्लादेश में संपन्न हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने भारी मतों से जीत दर्ज की है. इस जीत के साथ ही शेख हसीना बांग्लादेश की लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने जीत के बाद भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को याद किया और देश को एक भरोसेमंद दोस्त होने का श्रेय दिया.
शेख हसीना के इस बयान से भारत ने कहीं-न-कही राहत की सांस ली होगी, क्योंकि हाल के दिनों में भारत के रिश्ते मालदीव के साथ बिगड़ गए हैं. इसके अलावा चीन के साथ भी भारत के संबंध प्रगाढ़ नहीं है. इस वजह से भारत के एक भरोसेमंद पड़ोसी देश होने के नाते बांग्लादेश का कर्तव्य बनता है कि वो भारत का समर्थन करें.
भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर बात
हाल ही में इंडिया टूडे को दिए एक इंटरव्यू में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन ने भारत-बांग्लादेश के संबंधों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि हमारा रिश्ता पहले से ही बहुत मजबूत है. यह सिर्फ आज की बात नहीं है, क्योंकि हमारे जन्म के समय, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत ही सबसे बड़ा मददगार था. उन्होंने आजादी के लिए हमारी तरह ही खून बहाया. हाल के वर्षों में हमारी प्रधानमंत्री शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में,हमने बहुत अच्छा तालमेल और संबंध विकसित किया है.
चीन के सामने नहीं झुकेगा बांग्लादेश
चीन को लेकर पूछे गए एक सवाल पर बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में चीन का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है. चीन एक विकास भागीदार है. वे हमारी कुछ परियोजनाओं में हमारी मदद कर रहे हैं. लेकिन अगर आप देखें कि हमें चीन से जीडीपी के 1 फीसदी से भी कम पैसा मिलता है. इसलिए लोगों को यह डर नहीं होना चाहिए कि बांग्लादेश चीन के नीतियों के आगे झुक जाएगा. इसके अलावा मालदीव की नई पार्टी का झुकाव चीन के पक्ष में ज्यादा है. इसको देखते हुए बांग्लादेश का भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की बात राहत देने वाली है.
भूटान में जीत से खुश हुए मोदी
भूटान की बात करें तो हाल ही में संसदीय चुनाव हुए, जिसमें भारत समर्थक नेता शेरिंग टोबगे ने जीत हासिल की है. इस पर पीएम मोदी ने शेरिंग टोबगे समेत पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को बधाई दी. मोदी ने पोस्ट करते हुए लिखा कि (भारत-भूटान) के बीच दोस्ती और सहयोग के अनूठे संबंधों को और मजबूत करेंगे. इसके लिए फिर से मिलकर काम करने को उत्सुक हैं. इस तरह से हाल ही में पड़ोसी मुल्कों की जीत ने भारत के लिए संबंधों को मजबूत करने का रास्ता तैयार कर दिया है.