नई दिल्ली: वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत और पाकिस्तान के आमने-सामने आने की संभावना अब समाप्त हो गई है। इंडिया चैंपियंस ने पाकिस्तान के खिलाफ गुरुवार को होने वाले मुकाबले में खेलने से इनकार कर दिया है। टूर्नामेंट के सूत्रों के अनुसार, भारतीय टीम ने पहले से ही इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट कर रखा था कि वह चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लेगी।
इंडिया चैंपियंस ने मंगलवार को अपना आखिरी ग्रुप मुकाबला वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था, जिसमें उन्होंने महज 13.2 ओवर में जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में जगह बनाई। लेकिन अब उनके खेलने से इनकार के चलते पाकिस्तान की टीम बिना मैच खेले सीधे फाइनल में पहुंच गई है। इससे पहले ग्रुप स्टेज में भी भारत-पाकिस्तान का मैच भारतीय खिलाड़ियों और एक प्रमुख प्रायोजक की आपत्ति के बाद रद्द कर दिया गया था।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन ने इस टूर्नामेंट से पहले ही सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी थी कि वे पाकिस्तान के खिलाफ मैच में हिस्सा नहीं लेंगे। इस फैसले के पीछे राष्ट्रहित और भावनात्मक पक्ष को प्राथमिकता दी गई।
बुधवार को WCL के मुख्य प्रायोजकों में शामिल EaseMyTrip ने भी भारत-पाकिस्तान सेमीफाइनल से खुद को अलग कर लिया। कंपनी के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि EaseMyTrip की नीति स्पष्ट है, वह आतंकवाद का समर्थन करने वाले किसी भी देश के साथ किसी आयोजन में भाग नहीं ले सकती। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ खड़ी ताकतों से खेल के नाम पर संबंध सामान्य नहीं किए जा सकते।
निशांत पिट्टी ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत के लोग इस मुद्दे पर बेहद स्पष्ट हैं और उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, राष्ट्र पहले आता है, व्यवसाय बाद में।
इससे पहले इंडिया चैंपियंस का प्रदर्शन टूर्नामेंट में उतार-चढ़ाव भरा रहा है। टीम को शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस के खिलाफ 88 रन की हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया से 4 विकेट और इंग्लैंड से 23 रन से हार मिली। पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच रद्द होने के कारण टीम को एक अंक मिला, जबकि वेस्टइंडीज पर मिली शानदार जीत ने टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया।
अब जबकि भारत ने खेलने से इनकार कर दिया है, फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के सामने कौन सी टीम होगी, यह तय होना बाकी है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब बात राष्ट्र की गरिमा और भावना की आती है, तो खेल से ऊपर देश होता है।