Wednesday, April 16, 2025
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भाजपा और अन्नाद्रमुक गठबंधन से बदला संसद का समीकरण, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ विधेयक की राह हुई आसान

नई दिल्ली: देश में हर कुछ महीनों में किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं, जिससे राजनीतिक गठबंधन बनते-बिगड़ते रहते हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बड़ी राजनीतिक सफलता तमिलनाडु में मिली है, जहां वह पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। आगामी 2026 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के साथ गठबंधन कर एक अहम रणनीतिक चाल चली है।

11 अप्रैल 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं तमिलनाडु पहुंचकर इस गठबंधन की घोषणा की। इसके साथ ही AIADMK ने फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होकर केंद्र की राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका तय की है।

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राज्यसभा में समीकरण बदले, NDA को मिला स्पष्ट बहुमत का भरोसा

AIADMK के NDA में शामिल होने से भाजपा को केवल तमिलनाडु में ही नहीं, बल्कि संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में भी एक बड़ी बढ़त मिली है। राज्यसभा की मौजूदा प्रभावी संख्या 236 है, जिसमें बहुमत के लिए 119 सांसदों की आवश्यकता होती है। AIADMK के चार राज्यसभा सांसद — सीवी षणमुगम, एम. थंबीदुरई, एन. चंद्रशेखरन और आर. धर्मर — अब भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को समर्थन देंगे, जिससे गठबंधन के पास कुल संख्या 123 तक पहुंच गई है।

इसके अलावा, जुलाई में पीएमके नेता अंबुमणि रामदास की सदस्यता समाप्त हो रही है, और संभावना है कि यह सीट AIADMK को मिलेगी। इसके बाद एनडीए की राज्यसभा में प्रभावी संख्या 124 हो सकती है। भाजपा को छह मनोनीत और एक निर्दलीय सांसद का भी समर्थन प्राप्त है, जिससे कुल संख्या 131 तक पहुंच जाती है।

वन नेशन-वन इलेक्शन बिल के लिए अनुकूल परिस्थिति

राज्यसभा में बढ़ी हुई संख्या ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ यानी एक देश, एक चुनाव विधेयक के लिए आवश्यक समर्थन जुटाना आसान कर दिया है। सरकार इस विधेयक को आगामी संसद सत्र में पेश कर सकती है। इससे पहले केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक पास करवा चुकी है, और अब इसका अगला कदम यह बड़ा चुनाव सुधार हो सकता है।

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के पक्ष में दक्षिण भारत के अन्य एनडीए घटक दल भी हैं। उदाहरण के तौर पर, आंध्र प्रदेश की खाली राज्यसभा सीट अब चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी के पास जाएगी, जो एनडीए का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के लिए जब भी चुनाव होगा, वहां से भाजपा को 1-2 सीटें मिल सकती हैं। चार मनोनीत सीटें भी जल्द ही भरी जानी हैं, जहां भाजपा समर्थित नामों को वरीयता मिलने की संभावना है।

इन तमाम कारकों को मिलाकर देखें तो एनडीए की राज्यसभा में प्रभावी संख्या 141 तक पहुंच सकती है — जो स्पष्ट बहुमत के बराबर है।

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राज्यसभा का वर्तमान गणित (अप्रैल 2025 तक)

दल/गठबंधनसांसदों की संख्या
एनडीए (भाजपा+सहयोगी)131 (संभावित 141)
विपक्ष~95-100
खाली सीटें9
बहुमत का आंकड़ा119

तमिलनाडु में भाजपा की रणनीति

तमिलनाडु, जहां द्रविड़ राजनीति का प्रभाव दशकों से रहा है, वहां भाजपा का यह गठबंधन एक दीर्घकालिक रणनीतिक विस्तार का हिस्सा है। AIADMK, जो कभी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी थी, अब भाजपा के साथ मिलकर DMK के खिलाफ मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही है। इस गठबंधन का उद्देश्य केवल विधानसभा चुनाव जीतना नहीं, बल्कि केंद्र की राजनीति में बड़ा प्रभाव बनाना भी है।

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