चिड़ावा: पुराना पोस्ट ऑफिस के पास चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन वाणी भूषण पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी ने कहा कि भगवान के नाम का उच्चारण मनुष्य के सभी पापों को मिटा सकता है। उन्होंने अजामिल प्रसंग के माध्यम से बताया कि जब मनुष्य मुख से भगवान का नाम लेता है, तो परमात्मा उसके हृदय में विराजमान हो जाते हैं और मन की सारी कलुषितता दूर हो जाती है।
कलियुग में सबसे श्रेष्ठ साधन – भगवान का नाम
पंडित तिवाड़ी ने स्पष्ट कहा कि कलियुग में भगवत भक्ति का सबसे आसान और प्रभावी साधन केवल नामोच्चारण है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अधिकाधिक भगवान के नाम का जप करें और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
कथा में स्वर्ग-नरक, समुद्र मंथन और प्रहलाद प्रसंग
तीसरे दिन की कथा में प्रहलाद चरित्र, स्वर्ग और नरक का वर्णन, समुद्र मंथन, और भगवान वामन प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया गया। कथा के दौरान रंगकर्मी सुरेश शेखावत द्वारा सजाई गई भगवान वामन की सजीव झांकी आकर्षण का केंद्र रही।
राजू भगत और लाल राणा द्वारा प्रस्तुत किए गए भजनों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया और श्रद्धालु देर तक झूमते रहे।

पूजा-अर्चना और श्रद्धालुओं की मौजूदगी
इससे पहले यजमान रामवतार शर्मा ने सपत्नीक आचार्य नरेश जोशी, विक्रम शर्मा और आमोद शर्मा के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भागवत व व्यास पूजन किया।
इस मौके पर महेंद्र शर्मा, प्रमोद शर्मा, अनिल शर्मा, अशोक शर्मा, सुशील कुमार, सिद्धार्थ शर्मा, संजय शर्मा श्योपुरा, श्याम सुंदर साखुवाला, विश्वनाथ ढाढीटिया, पंडित राजेश दाधीच, निरंजन कलगांववाला, विनोद कुमार लाम्बीवाला और जगदीश डाबलेवाला समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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