बीजापुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। वहीं, इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 4 जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से दो जवानों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अन्य दो घायल जवानों की स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
मुठभेड़ का घटनाक्रम
यह मुठभेड़ बीजापुर और नारायणपुर से जुड़ी महाराष्ट्र की सीमा के पास स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगल में रविवार सुबह हुई। बस्तर पुलिस के अनुसार, सुरक्षाकर्मियों की एक टीम एंटी-नक्सल ऑपरेशन पर थी, तभी नक्सलियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ की जगह से ऑटोमैटिक हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। बस्तर पुलिस ने यह भी बताया कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है। फिलहाल, इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
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सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी
सुरक्षा बलों ने बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। डीआरजी बीजापुर, एसटीएफ, और सी-60 के जवान इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में राज्य में लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, और यह मुठभेड़ भी उसी श्रृंखला का हिस्सा है।
बीजापुर में इससे पहले हुई मुठभेड़ें
1 फरवरी, 2025 को बीजापुर जिले के गंगालूर इलाके में भी पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 8 नक्सली मारे गए थे। इसके अलावा, 20-21 जनवरी को छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर गरियाबंद जिले के जंगलों में भी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 16 नक्सली मारे गए थे। इनमें से एक 90 लाख के इनामी नक्सली चलपति भी शामिल था।
राज्य में नक्सल विरोधी अभियान
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस साल के पहले महीने में राज्य में हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में 50 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार, भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक हुई मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 219 नक्सलियों को मार गिराया है। नवंबर 2023 में भाजपा सरकार बनने के बाद से राज्य में नक्सल विरोधी अभियान में काफी तेजी आई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नक्सलवाद पर नियंत्रण पाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्री का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। इस साल 6 जनवरी को भी नक्सलियों ने एक आईईडी ब्लास्ट करके सुरक्षा बलों की एक गाड़ी को उड़ा दिया था, जिसमें डीआरजी के 8 जवान और ड्राइवर की मौत हो गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले के बाद दोहराया था कि मार्च 2026 तक भारत से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा।
मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों की शहादत
बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ों के दौरान कई जवानों ने अपनी जान गंवाई है। इस साल जनवरी में हुए आईईडी हमले में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के 8 जवानों और ड्राइवर की जान चली गई थी। आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि डीआरजी के जवान दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर में एक संयुक्त नक्सल रोधी अभियान के बाद स्कॉर्पियो में लौट रहे थे, जब उनका वाहन बेद्रे-कुटरू रोड पर पहुंचा, तो नक्सलियों ने सड़क पर आईईडी लगाए थे, जिसे विस्फोटित कर दिया गया था। इस विस्फोट में स्कॉर्पियो में सवार सभी जवानों और ड्राइवर की मौत हो गई थी।