Friday, November 22, 2024
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बीकेबीआईएचई पिलानी में डार्क जोन के मुद्दों पर सेमिनार का आयोजन, वाटरमैन राजेन्द्र सिंह सहित कई सोशल एक्टिविस्ट और वक्ता पहुंचे सेमिनार में

बीकेबीआईएचई पिलानी में आज घटते जल स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया गया। “डार्क जोन के मुद्दे” विषय पर आयोजित सेमिनार में वाटरमैन के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह सहित कई नामचीन हस्तियों ने हिस्सा लिया।

एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार की अध्यक्षता डॉ. एसएम प्रसन्न कुमार (निदेशक बीकेबीआईएचई), केके पारीक (जीएम कमर्शियल) और डॉ. बीना नारायण (प्रिंसिपल बीकेबीआईएचई) थे। सेमिनार के मुख्य अतिथि और वक्ता इब्राहिम खान, प्रो. सुधीर कुमार बरई (निदेशक, बिट्स पिलानी), इब्राहिम खान (ग्राम सुधारक), रमेश भाई शर्मा (सामाजिक कार्यकर्ता) और राजकुमार सांगवान थे। विशिष्ट अतिथि डॉ. भागीरथ सिंह (पूर्व कुलपति, शेखावाटी विश्वविद्यालय), डॉ. राजेंद्र सिंह (भारत के जलपुरुष) और सुश्री रिधिमा पांडे (पर्यावरणविद कार्यकर्ता और TEDx स्पीकर) उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में पिलानी और आसपास के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों के साथ स्टूडेंट्स को भी आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में आए सभी प्रमुख अतिथि देश भर में पर्यावरण के लिए सक्रिय रूप से कार्य करते हैं।

सेमिनार में अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. भागीरथ सिंह ने बताया कि राजस्थान में डार्क जोन एक बहुत बड़ी समस्या है और हमें पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए योजना बनानी चाहिए, क्योंकि हम पानी के लिए चौथे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं। प्रो.सुधीर ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र अतिदोहित क्षेत्र है। बिट्स में उपचारित पानी का उपयोग किया जाता है। हम सभी को पानी की प्रत्येक बूंद को बचाने का प्रयास करना चाहिए और इसका उचित उपयोग करना चाहिए। रमेश भाई ने शुरुआती समय और आज के जीवन की तुलना की। पिछले 100 वर्षों में पानी की कमी के कारण लोगों का पलायन हुआ। 15 साल की पर्यावरणविद् रिधिमा पांडे ने कमी का मतलब समझाया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए हमें अपनी विचारधारा बदलनी चाहिए। यदि हम इसके प्रति सचेत नहीं हुए तो कुछ वर्षों में हर किसी को पानी की कमी की समस्या का सामना करना पड़ेगा। डॉ. राजेंद्र सिंह ने पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने प्राकृतिक इंजीनियरिंग से पिछले 42 वर्षों में 14800 बांध बनाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीखना सिर्फ कमाई के लिए नहीं, खुशी, कौशल विकास के लिए सीखें। उन्होंने निदेशक एवं प्राचार्यों को विद्यार्थियों को जल साक्षरता प्रदान करने का सुझाव दिया।

निदेशक, प्राचार्य एवं जीएम कमर्शियल द्वारा सभी अतिथियों को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। बीकेबीआईएचई के सभी संकाय सदस्यों और छात्रों ने कार्यक्रम का प्रबंधन किया। सेमिनार रूढ़िवादी मानसिकता विकसित करने और जल संरक्षण के उपाय अपनाने की एक पहल थी।

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