नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच एक सकारात्मक घटनाक्रम सामने आया है। 23 अप्रैल से पाकिस्तान की हिरासत में रहे बीएसएफ जवान पूर्णब कुमार साहू को आज पाकिस्तान ने भारत को सौंप दिया। जवाब में भारत ने भी एक पाकिस्तानी रेंजर को वापस पाकिस्तान को लौटा दिया। यह आदान-प्रदान अटारी बॉर्डर पर सुबह 10:30 बजे शांतिपूर्ण तरीके से और स्थापित प्रोटोकॉल के तहत सम्पन्न हुआ।

कैसे हुई थी सीमा पार करने की गलती
बीएसएफ जवान पूर्णब कुमार साहू, जो पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के निवासी हैं, 10 अप्रैल से पंजाब के फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा पर एक तदर्थ टीम के साथ तैनात थे। 23 अप्रैल को वह ड्यूटी पर रहते हुए सीमावर्ती ग्रामीणों की सहायता कर रहे थे, जब गलती से जीरो लाइन पार कर पाकिस्तान की सीमा में चले गए। उस समय वह यूनिफॉर्म में थे और अपनी ड्यूटी कर रहे थे। इसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया।
इस तरह की घटनाएं सीमा क्षेत्रों में कभी-कभार होती रही हैं और आमतौर पर इन्हें दोनों देशों की सेनाओं के बीच फ्लैग मीटिंग्स और आपसी समझ के माध्यम से सुलझाया जाता है। बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स ने इस बार भी इसी परंपरा को निभाया।
बीएसएफ की ओर से प्रेस रिलीज में पुष्टि
बीएसएफ ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जवान पीके साहू को आज सुबह संयुक्त चेक पोस्ट, अटारी के माध्यम से भारत को सौंपा गया। प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि “23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में रहे बीएसएफ जवान पूर्णब कुमार साहू को आज सुबह 10:30 बजे शांतिपूर्वक तरीके से भारत को सौंपा गया। यह आदान-प्रदान स्थापित प्रोटोकॉल और आपसी सहमति के अनुरूप किया गया।”
भारत ने भी रेंजर को लौटाया
बीएसएफ जवान के पाकिस्तान की हिरासत में जाने के बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा था, जो भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। बीएसएफ जवानों ने सतर्कता दिखाते हुए रेंजर को तत्काल गिरफ्तार कर लिया था।

वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान ने फिरोजपुर सीमा क्षेत्र से भारतीय जवान को गिरफ्तार किया था। दोनों देशों ने अब एक-दूसरे के जवानों को शांति और सद्भाव के साथ वापस सौंप दिया है।
तनाव के बीच शांति का संकेत
हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन और मिसाइल हमलों के चलते तनाव बढ़ गया था। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। इसके बाद एक अनौपचारिक सीजफायर की स्थिति बनी। 14 मई को हुए जवानों के आदान-प्रदान को इस तनाव के बीच एक सकारात्मक कूटनीतिक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।